नई दिल्ली: असदुद्दीन ओवैसी ने नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर लोकसभा में एक जवाब के उत्तर में मंगलवार को कहा कि सीएए नागरिकता देता भी है और लेता भी है। उन्होनें कहा कि असम में 5 लाख मुसलमान के नाम नहीं आए.. पर असम के बंगाली हिंदू को नागरिकता देना चाहते है। औवेसी ने कहा कि मैं घुसपैठिया नहीं घुसपैठियों का बाप हूं, एनपीआर-एनआरसी एक ही हैं।
औवेसी ने बताया कि सरकार ने कहा है कि अभी तक एनआरसी लाने पर फैसला नहीं हुआ है। मतलब अभी तक नहीं यानि कल होगी फिर। इसलिए मैने पीएम को चैलेंज किया कि जब आप संसद में अपना जवाब देंगे तो देश को पैदाम दीजिए कि जब तक मैं 2024 तक पीएम हूं, तब तक एनआरसी नहीं होगा। उन्होनें कहा कि एनपीआर और एनआरसी सिक्के के दो रूख है। एनपीआर होगा तो एनआरसी होगा। ये खुलकर नहीं बोल रहे है। इससे इनका पाखंड पता चल रहा है।
उन्होनें कहा कि आज जो मुल्क में मुसलमानों को लेकर बीजेपी और संघ ने नफरत पैदा कर दी है मुझे इतिहास याद दिलाना जरूरी है। हिटलर ने दो बार जनगणना की थी और यहूदियों को गैस चैंबर में डाल दिया। मुसोलिना ने सेंसर के बाद इटली में यहूदी और रोमा लोगों की जायदाद को कब्जा किया। मुझे डर है कि कहीं हम उस राह पर ना चले जाए।