नई दिल्ली: राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को किसान संगठनों द्वारा आयोजित संसद मार्च में किसान सभा को संबोधित किया और BJP सरकार को जमकर कोसा।आप के संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू नहीं करने को किसानों के साथ धोखा बताते हुए कहा कि सरकार ने किसानों की पीठ में छुरा घोंपा है। केजरीवाल ने शुक्रवार को किसान संगठनों द्वारा आयोजित संसद मार्च में किसान सभा को संबोधित किया और कहा ‘‘मोदी सरकार ने उच्चतम न्यायालय में स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू नहीं करने का हलफनामा पेश किया है।’’
उन्होंने कहा कि “ये किसानों के साथ सबसे बड़ा धाखा है। सरकार के पास अभी भी पांच महीने का समय है। सरकार इस हलफनामे को वापस लेकर स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करे वरना किसान 2019 में कयामत ढहा देंगे।’’ केजरीवाल ने सरकार पर आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने किसानों से किया वादा पूरा नहीं करके किसानों की पीठ में "छुरा घोंपा" है। उन्होंने किसानों के संकट के लिए कर्ज, फसल मूल्य और फसल की सुरक्षा को सबसे बड़ा कारण बताया।
केजरीवाल ने आंदोलनरत किसानों की मांगों का समर्थन करते हुए कहा कि सरकार को किसानों का तत्काल प्रभाव से पूरा कर्ज माफ कर भविष्य में फसल की उचित कीमत का भुगतान सुनिश्चित करना चाहिए, जिससे किसान आत्मनिर्भर बन सकें। इसके बाद प्राकृतिक आपदाओं से फसल के नुकसान से किसान को बचाने के लिए बीमा के बजाय दिल्ली की तर्ज पर मुआवजा योजना लागू की जानी चाहिए।
केजरीवाल ने मोदी सरकार द्वारा लागू फसल बीमा योजना को धोखा बताते हुए कहा कि ये योजना बीमा कंपनियों को मुनाफा देकर किसानों की आय पर डाका डाल रही है। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार फसल मुआवजा योजना लागू कर 50 हजार रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से किसानों को मुआवजा दे रही है। उन्होंने कहा कि ये योजना किसानों को फसल के नुकसान का देश में सर्वाधिक मुआवजा देने वाली योजना बन गई है।
केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर उद्योगपतियों के हित साधने का आरोप लगाते हुए कहा ‘‘मोदी जी को जितनी चिंता अडानी और अंबानी की है, अगर वो इसकी 10 प्रतिशत चिंता भी किसानों की कर लें तो किसानों को आंदोलन करते हुए दिल्ली नहीं आना पड़ेगा।’’
राहुल गांधी ने BJP को लिया आड़े हाथ
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने संसद मार्च में किसान सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि किसानों का कर्ज पूरी तरह से माफ करने और फसल का उचित मूल्य दिलाने के लिए कानून बनाने की मांग का समर्थन करते हुए कहा है कि किसानों की इस मांग के साथ विपक्ष के सभी दल एकजुट हैं।
उन्होंने कहा ‘‘प्रधानमंत्री ने कहा था कि सही दाम दिलाएंगे, बोनस मिलेगा, न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाएंगे। लेकिन, आज हालत ये हैं कि किसान को ना तो फसल का सही दाम मिल रहा है और ना ही कर्ज माफ हो रहा है।’’ उन्होंने सभा में मौजूद अन्य दलों के नेताओं का जिक्र करते हुए कहा ‘‘हमारी विचारधारा अलग हो सकती है, मगर किसान और युवाओं के भविष्य के लिए हम सब एक हैं। मोदी जी और भाजपा से हम कहना चाहते हैं कि अगर हमें कानून बदलना पड़े, मुख्यमंत्री बदलना पड़े या प्रधानमंत्री बदलना पड़े, हम किसान का भविष्य बनाने के लिए एक इंच भी पीछे नहीं हटने वाले हैं।’’
राहुल गांधी ने कर्ज माफी की मांग को जायज बताते हुए कहा ‘‘किसान, मोदी जी से अनिल अंबानी का हवाई जहाज नहीं मांग रहे हैं, किसान सिर्फ ये कह रहा है कि अगर आप अनिल अंबानी को हिंदुस्तान की एयरफोर्स का 30,000 करोड़ रुपया दे सकते हैं, अगर आप अपने 15 मित्रों को 3 लाख 50 हजार करोड़ रुपये दे सकते हैं, तो हमारी मेहनत के लिए, हमारे खून के लिए, हमारे पसीने के लिए, आपको हमारा कर्जा माफ करके देना ही पड़ेगा।’’
उन्होंने किसान के भविष्य और युवाओं के लिए रोजगार को सबसे बड़ा मुद्दा बताते हुए कहा ‘‘पिछले साढ़े चार साल में नरेंद्र मोदी की सरकार ने हिंदुस्तान के 15 सबसे अमीर लोगों का साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये का कर्जा माफ किया है। अब साढ़े बारह लाख करोड़ रुपए जिसे नरेंद्र मोदी, अरुण जेटली एनपीए कहते हैं, आने वाले समय़ में वो कर्जा माफ करना चाहते हैं।’’
राहुल गांधी ने किसानों की कर्ज माफी का भरोसा दिलाते हुए कहा ‘‘अगर 15 लोगों का साढ़े तीन लाख करोड़ रुपए कर्जा माफ किया जा सकता है, तो हिंदुस्तान के करोड़ों किसानों का भी कर्जा माफ किया जाएगा।’’ कानून बनाकर किसानों की समस्या का स्थायी समाधान निकाले जाने की मांग का समर्थन करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा ‘‘कानून बनाना हो, जो भी करना हो, आप हमें बताइए, जो भी आप कहेंगे, हम आपके साथ खड़े होकर दिखाएंगे।’’
किसान सभा में आप संयोजक अरविंद केजरीवाल और राहुल गांधी के अलावा राकांपा के शरद पवार, माकपा के सीताराम येचुरी, तृणमूल कांग्रेस के दिनेश त्रिवेदी, नेशनल कांफ्रेस के फारुख अब्दुल्ला, भाकपा नेता डी राजा, सपा के धर्मेंद्र यादव, वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव सहित अन्य दलों के नेता भी मौजूद थे।