नई दिल्ली. देश की राजधानी में दिल्ली में ऑक्सीजन के विषय पर आज भारतीय जनता पार्टी द्वारा केजरीवाल सरकार पर बड़ा हमला बोला गया। भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल का काम करने का तरीका बड़ा अनूठा है। अब ये हिन्दुस्तान जान चुका है। पहले हाहाकार मचाया और ऑक्सीजन दिया गया तो आपने हाथ खड़े कर दिए कि हमारे पास तो स्टोरेज कैपेसिटी नहीं है। उन्होंने दिल्ली सरकार से सवाल किया कि स्टोरेज कैपेसिटी बनाने का काम किसका है।
संबित पात्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि दिल्ली सरकार ने ऑक्सीजन स्लायर्स को कहा है कि धीरे-धीरे ऑक्सीजन की सप्लाई करें और पड़ोसी राज्यों से गुहार लगाई है कि आप हमारी ऑक्सीजन को स्टोर करें। उन्होंने कहा कि पेट्रोलियम एंड एक्सप्लोसिव सेफ्टी ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट, जिसे भारत सरकार को सबमिट किया गया है। इसमें कहा गया है कि दिल्ली में जरूरत से ज्यादा ऑक्सीजन की सप्लाई हो रही थी, लेकिन दिल्ली स्टोर नहीं कर रही थी, इसका खामियाजा आसपास के राज्यों को भुगतना पड़ रहा था।
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार पहले 730 टन ऑक्सीजन की मांग कर रहे थी, राघव चड्ढा ने 976 टन की मांग की थी, कुछ मिनटों के बाद रिपोर्ट से पता चलता है कि दिल्ली में किसी प्रकार का अल्टरनेट स्पेस नहीं था, ऑक्सीजन को सपोर्ट करके, इसलिए उन्होंने आसपास के राज्यों को ऑक्सीजन को स्टोर करने के लिए कहा और सप्लायर को सप्लाई धीमी करने के लिए कहा।
पात्रा ने कहा कि फरीदाबाद का लिंडे प्लांट, जो दिल्ली को ऑक्सीजन का प्रमुख सप्लायर था, उसे पिछले रविवार को 120 मेट्रिक टन सप्लाई करना था, मगर दिल्ली ने 120 टन लिया और उसमें से 74 टन वापस भी कर दिया उसी प्लांट को क्योंकि दिल्ली में स्टोरेज स्पेस नहीं था। दिल्ली सरकार ने बताया भी नहीं कि ऑक्सीजन वापस भेजा है। उन्होंने आगे कहा कि 10 मई को पानीपत के एयर लिक्विड प्लांट को 38 टन ऑक्सीजन वापस किया गया। दिल्ली सरकार ने उनसे ऑक्सीजन को वहीं रखने के लिए कहा।
उन्होंने आगे कहा कि करार के तहत भारत सरकार ने इस प्लांट को 190 टन ऑक्सीजन दिल्ली को भेजने के लिए कहा था लेकिन दिल्ली की सरकार ने 150 टन ही लिया और बाकी 40 टन के लिए कहा कि हम ले नहीं सकते क्योंकि हमारे पास स्टोरेज क्षमता नहीं है। पात्रा ने केजरीवाल पर सीधे हमला बोलेत हुए कहा, "अरविंद केजरीवाल जी आपके ऊपर क्रिमनल लायबिलिटी बनती है, आपने ऑक्सीजन स्टोरेज नहीं बढ़ाई जिस कारण मरीजों की जान गई। ऑक्सीजन ऑडिट को आप क्यों मना करते रहे, वो आज पता चला कि क्यों मना करते रहे, क्योंकि आपके पास स्टोरेज क्षमता ही नहीं थी। हिंदुस्तान के ऊपर इतना बड़ा क्राइसिस आया जिसे टाला जा सकता है, क्राइसिस आप मैनेज कर सकते थे।"