नई दिल्ली: 23 मार्च से दिल्ली में एक बार फिर एक बड़ा आंदोलन शुरु करने जा रहे अन्ना हजारे ने इंडिया टीवी से बातचीत करते हुए कहा कहा कि ''जब से अरविंद केजरीवाल ने अपनी पार्टी बना ली है तब से मेरी और उनकी बातचीत नहीं होती है।अगर वे मेरे आंदोलन में आते भी है तो उनको मंच पर नहीं, जनता के बीच में बैठना होगा। जब अन्ना हजारे से मजीठिया से केजरीवाल के माफीनामें पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी गलती करनी ही क्यों जिस पर माफी मांगने की जरूरत पड़ जाए?
केजरीवाल अब मेरी सलाह के बाहर है
क्या आप केजरीवाल को कोई सलाह देना पसंद करेंगे? इस सवाल के जवाब देते हुए उन्होंने कहा अरविंद केजरीवाल अब मेरी सलाह के बाहर है,अब उनको मेरी सलाह की जरूरत नहीं। मैं एक सामान्य सामाजिक कार्यकर्ता हूं और वे दिल्ली के मुख्यमंत्री ऐसे में उनको मेरी सलाह की जरूरत नहीं है।।
2011 आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन होगा
अन्ना हजारे ने 23 मार्च से दिल्ली में शुरु होने जा रहे अपने आंदोलन को लेकर कहा कि साल 2011 के बाद देश में एक जनक्राति आई है और 20 राज्यों में 40 सभाओं करने के बाद मुझे इस बात का आभास हो रहा है कि इस बार का आंदोलन पहले से भी बड़ा होगा।इस बार आर या पार का आंदोलन होगा। किसानों का विषय भी इस आंदोलन का हिस्सा होगा। हमारी सरकार इजरायल के पंत प्रधान को बुलाती है लेकिन किसानों के लिए उन्होंने जो काम किया उस पर ध्यान नहीं देती बल्कि हमारी सरकार बस बिजनेसमैन का फायदा कैसे हो इस पर अधिक सोचती है।इस बार आंदोलन से सीधे रूप से जुड़ रहे करीब 6500 लोगों ने हलफनामा लिखकर दिया है कि वे किसी राजनीतिक पार्टी से संबंध नहीं रखेंगे और अपना चरित्र भी साफ सुथरा रखेंगे। आखिर सरकार उनकी बात सुनती क्यों नहीं ? इंडिया टीवी के इस सवाल पर अन्ना हजारे ने कहा ‘’बहरे आदमी को कैसे जगाया जा सकता है, वो सोए हुए आदमी की तरह होने का व्यवहार करते हैं,हमारी केद्र सरकार ऐसा ही करती है।
आज की राजनीति और राजनेताओं पर मेरा भरोसा नहीं
अन्ना हजारे ने इंडिया टीवी से बातचीत में कहा आज की राजनीति में अच्छा कौन है बताना बहुत मुश्किल है। आज सत्ता सिर्फ पैसे के लिए हो रही है। आज की राजनीति में बहुत से लोगों को ऐसा लगता है कि श्मशान में जाते समय में कुर्सी पर बैठकर जाएंगे।