नई दिल्ली: अरविंद केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में निजी स्कूलों को कड़ा संदेश देते हुए कहा है कि वह दिल्ली पब्लिक स्कूल मथुरा रोड, स्प्रिंग डेल, अमिटी इंटरनेशनल साकेत, संस्कृति स्कूल, माडर्न पब्लिक स्कूल सहित उन सभी 449 निजी स्कूलों का प्रबंधन अपने हाथ में लेने को तैयार हैं जो दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करने में विफल रहे हैं। ये भी पढ़ें: लव जिहाद पर बड़ा खुलासा: एक हिंदू लड़की, मुसलमान लड़का और बड़ी साजिश
दरअसल 554 स्कूलों पर फीस बढ़ाने का आरोप था। इस मामले में हाईकोर्ट ने जस्टिस अनिल दवे कमेटी बनाई थी जिसमें बढ़ी फीस को नौ फीसदी ब्याज दर से अभिभावकों को लौटाना था। लेकिन 554 में से 449 स्कूलों ने पैसा वापस नहीं किया। स्कूलों द्वारा राशि वापस न करने के मुद्दे पर बुधवार को हाईकोर्ट की सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार ने डिफाल्टर स्कूलों को टेकओवर करने की इच्छा जाहिर की थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक हलफनामे में, दिल्ली सरकार ने कहा है कि वे दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम 2009 की धारा 24(4)(सी) के तहत स्कूलों के प्रबंधन को अपने हाथों में लेने के लिए पहले ही कारण बताओ नोटिस जारी कर चुकी है। अनिल देव सिंह समिति की सिफारिशों के अनुपालन हेतु हमें ये कदम उठाना पड़ा है। फाइल पहले ही लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल को भेज दी गई है। शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार अतीशि मारलेना ने कहा, "हमारे पास इस कार्रवाई को करने के अलावा और कोई विकल्प नहीं था क्योंकि हम उन्हें कई सालों से नोटिस भेज रहे हैं।"