नयी दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और क्रिकेटर से सांसद बने कीर्ति आजाद ने शुक्रवार को दिल्ली उच्च न्यायालय को बताया कि वे क्रिकेट निकाय दिल्ली एवं जिला क्रिकेट संघ (डीडीसीए) के खिलाफ अपने बयान वापस ले रहे हैं और संस्था के साथ मानहानि के मामले को आपस में सुलझा रहे हैं। केजरीवाल और भाजपा से निलंबित सांसद आजाद दोनों ने न्यायमूर्ति आर एस एंडलॉ को बताया कि वे क्रिकेट निकाय डीडीसीए के खिलाफ दिया गया अपना कथित मानहानिकारक बयान वापस ले रहे हैं। डीडीसीए ने इसके जवाब में अदालत से कहा कि वह उनके खिलाफ किया गया 5 करोड़ रुपये का मानहानि का दावा वापस ले रही है। न्यायमूर्ति एंडलॉ ने उनके बयान पर संज्ञान लेते हुये डीडीसीए के मानहानि के मुकदमे का निपटारा कर दिया।
आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक केजरीवाल के वकील अनुपम श्रीवास्तव ने अदालत में डीडीसीए के वकील प्रदीप छिंद्रा को एक पत्र सौंपा, जिसमें कहा गया है कि क्रिकेट की संस्था के कामकाज और वित्तीय व्यवस्था संबंधी बयान वापस ले लिए गए हैं। अदालत में इसका कोई कारण नहीं बताया गया कि दोनों डीडीसीए के खिलाफ अपने बयान को वापस क्यों ले रहे हैं। अदालत ने कहा कि दोनों (केजरीवाल और आजाद) ने अपने कथित अपमानजनक बयान वापस ले लिए हैं, जिसके लिए डीडीसीए ने उन दोनों से 2.5-2.5 करोड़ रुपये का मुआवजा मांगा था। अदालत ने कहा, ‘‘उपरोक्त तथ्यों के आधार पर मुकदमे का निपटारा किया जाता है।’’
गौरतलब है कि केजरीवाल और आजाद ने डीडीसीए के कामकाज पर सवाल खड़ा किया था और उस पर वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया था, जिसके बाद डीडीसीए ने उन दोनों के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। डीडीसीए ने आरोप लगाया था कि केजरीवाल ने यह बयान किसी साजिश के तहत दिया है, जो बिल्कुल झूठ, चौंकाने वाला, निंदनीय, अपमानजनक, आधारहीन, द्वेषपूर्ण, शर्मनाक व घृणित है, जिससे संस्था की मानहानि हुई है।’’
डीडीसीए ने यह भी कहा था कि क्रिकेट संस्था के खिलाफ बयान उसकी छवि को धूमिल करने के लिए दिया गया है। गौरतलब है कि पिछले साल अप्रैल में एक निचली अदालत ने डीडीसीए द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे से केजरीवाल और आजाद दोनों को आरोपमुक्त कर दिया था। डीडीसीए और उसके तत्कालीन उपाध्यक्ष चेतन चौहान ने उन्हें और क्रिकेट निकाय को कथित तौर पर बदनाम करने के लिए मानहानि का यह मामला दर्ज कराया था।