ईटानगर: अरुणाचल प्रदेश के नामसाई जिले में शरारती तत्वों द्वारा मबीरा क्षेत्र में नए बसे आदिवासी समुदाय के 14 घरों को आग के हवाले किए जाने के बाद निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 12-15 अक्टूबर के बीच तेंगपानी वन रिजर्व के अंतर्गत खाई-हे नल्ला के पास आगजनी की यह घटना हुई जिसके बाद प्रशासन ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार को जेंगथू पुल के पास रैली का आयोजन कर विरोध कर रहे अदि छात्र संघ (अदिसु) के प्रदर्शनकारियों की अर्धसैनिक बलों के साथ हुई झड़प के कारण स्थिति बेकाबू हो गई। उन्होंने बताया कि इस हिंसक झड़प में पुलिस अधीक्षक अंकित कुमार सिंह और उपाधीक्षक सेप्राज परमे और थूतान जाम्बा को छोटी-मोटी चोटें आयीं। अदिसु ने नामसाई के उपायुक्त के सामने अखिल ताई खाम्पती सिंघपो छात्र संघ (एटीकेएसएसयू) पर आगजनी करने का आरोप लगाया और तत्काल गिरफ्तारी की मांग की। एटीकेएसएसयू ने घटना में संलिप्तता से इंकार किया है।
अरुणाचल प्रदेश के उप मुख्यमंत्री चौना मैन और गृहमंत्री बामांग फिलिक्स ने शुक्रवार रात को अधिकारियों के साथ आपातकालीन बैठक में नामसाई में प्रभावित परिवारों से मिलने के लिए एक प्रतिनिधिमंडल भेजने का निर्णय लिया और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की। एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार प्रतिनिधिमंडल में स्वास्थ्य मंत्री आलो लिबांग और विधायक निनोंग एरिंग और जिगनू नामचूम शामिल होंगे। इस बीच नामसाई के जिला डिविजनल वन कार्यालय ने कहा कि उन्होंने मबीरा में नई बसी आबादी के लिए कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया है।