नयी दिल्ली: भारतीय वायुसेना का सबसे बड़ा परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर अरूणाचल प्रदेश के तुतिंग में उतरा। यह स्थान चीन से लगी सीमा के निकट है। वायुसेना के एक प्रवक्ता ने बताया, ‘‘ सी17 ग्लोबमास्टर विमान तुतिंग एडवांस्ड लैंडिंग ग्राउंड में उतरा। विमान के श्रेष्ठ प्रदर्शन और पायलटों के उत्कृष्ट कौशल की बदौलत यह मिशन निर्बाध रूप से संपन्न हुआ।’’ अमेरिका निर्मित इस विमान का चीन की सीमा के निकट उतरने काफी महत्व है क्योंकि वायुसेना रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्यों में अपनी संपूर्ण गतिविधियों को मजबूत बना रही है।
बोइंग c-17 ग्लोबमास्टर विश्व के बड़े मालवाहक जहाजों में से एक है। ग्लोबमास्टर कारगिल, लद्दाख और अन्य उत्तरी और उत्तर पूर्वी सीमाओं जैसे कठिन जगहों पर आसानी से उतर सकता है। इसके अलावा लैंडिंग में परेशानी होने की स्थिति में इसमें रिवर्स गियर भी दिया गया है। विमान चार इंजनों से लैस है। 81वीं स्क्वार्डन के ग्रुप कैप्टन को ‘गोल्डन की’ देकर विमान को भारतीय वायुसेना में शामिल किया गया था। इस स्क्वार्डन को स्काईलॉर्ड्स नाम दिया गया है।
वहीं सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत और चीन का वार्षिक सैन्य अभ्यास बहाल होगा। उन्होंने यह भी कहा कि डोकलाम गतिरोध के बाद दोनों देशों के रिश्तों में कड़वाहट आ गई थी और अब यह सुधर रहा है। रावत ने कहा कि चीन के साथ सैन्य कूटनीति ने काम किया और डोकलाम गतिरोध के बाद बंद हो गई सीमा सुरक्षा बलों की बैठक फिर से शुरू हो गई है। उन्होंने कहा कि दोनों सुरक्षा बलों के बीच सौहार्द फिर से कायम हो गया है।
सेना प्रमुख ने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘ चीन के साथ हर साल सैन्य अभ्यास होता है। सिर्फ पिछले साल यह अभ्यास( डोकलाम गतिरोध को लेकर पैदा हुए तनाव की वजह से) स्थगित हुआ, लेकिन अब यह अभ्यास होगा।’’ भारत और चीन के सैन्यकर्मियों के बीच डोकलाम में 73 दिनों तक गतिरोध रहा था। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण अगले महीने चीन जा रही हैं और माना जा रहा है कि यह मुद्दा बातचीत के दौरान उठ सकता है।