ईटानग: अरूणाचल प्रदेश में सियांग नदी के किनारे रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया है। चीन द्वारा भारत को तिब्बत में एक कृत्रिम झील बनने से संभावित रूप से बाढ़ आने के बारे में सूचित किये जाने के बाद यह कदम उठाया गया। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी। जल संसाधन विभाग के अधीक्षण अभियंता (मुख्यालय) गौतम बोरांग ने कहा कि पानी अरूणाचल प्रदेश के पूर्वी सियांग जिले के पासीघाटी में शनिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे पहुंचा। उन्होंने फोन पर पीटीआई से कहा कि पूर्वाह्न 11 बजे पानी का प्रवाह नियंत्रण में था और खतरे के निशान से नीचे था।
अधिकारियों ने बताया कि पूर्वी सियांग जिले के उपायुक्त डी कामदुक और जलसंसाधन विभाग के अधिकारी सियांग नदी में पानी के प्रवाह पर लगातार नजर रख रहे हैं। वहीं राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रियाबल (एनईआरएफ) की टीम पहुंच चुकी है। उन्होंने बताया कि पूर्वी सियांग जिले में सियांग नदी के किनारे रहे रहे कई लोगों को ऐहतियात के तौर पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
अरूणाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ए लिबांग ने कहा कि सियांग नदी का जलस्तर शुक्रवार की रात 11 बजे बढ़ा था लेकिन कुछ समय बाद यह कम होना शुरू हो गया। मंत्री ने कहा कि अधिकारी नदी के जलस्तर की लगातार निगरानी कर रहे हैं। चीन के दूतावास के प्रवक्ता काउंसेलर जे रोंग ने कहा कि उनके देश ने बुधवार को सुबह मिलिन काउंटी के जियाला गांव में यालुजांगबू नदी में भूस्खलन होने के बाद भारत के साथ आपात सूचना साझा तंत्र को सक्रिय कर दिया है। यालुजांगबू नदी के अरूणाचल प्रदेश में प्रवेश करने पर इसे सियांग नदी और असम में ब्रह्मपुत्र नदी कहा जाता है।