नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने पार्टी में वरिष्ठ सहयोगी अरुण जेटली को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए लिखा कि पूर्व वित्तमंत्री की पत्नी जम्मू-कश्मीर की रहने वाली थीं इसलिए उनका राज्य से व्यक्तिगत जुड़ाव था। उनकी शादी 1982 में हुई थी जिसमें भाजपा के कई वरिष्ठ नेताओं की आगवानी वधू पक्ष की ओर से कई कांग्रेस नेताओं ने की थी।
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‘अरुण जेटली के मेरे लिए क्या मायने थे’ शीर्षक से सिंह ने लिखा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री का राज्य के प्रति विशेष अनुराग था क्योंकि उनकी शादी जम्मू-कश्मीर के पूर्व वित्तमंत्री गिरधारी लाल डोगरा की बेटी से हुई थी, जो कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के करीबी थे।
उन्होंने लिखा, ‘‘बहुत कम लोगों को याद होगा कि अरुण जेटली की शादी में उस समय के भाजपा के कई शीर्ष राष्ट्रीय नेता बाराती थे और उनकी आगवानी वधू पक्ष से कांग्रेस के शीर्ष राष्ट्रीय नेतृत्व ने की थी। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री ने कहा कि जेटली के साहस और दृढ़विश्वास की पुष्टि छह अगस्त को अनुच्छेद-370 के तहत जम्मू-कश्मीर को मिले विशेष दर्जे को खत्म करने संबंधी विधेयक के लोकसभा में पारित होने के बाद लिखे ब्लॉग से होती है।
सिंह ने लिखा कि वह उनके नियमित संपर्क में थे, लेकिन संसद सत्र चालू होने की वजह से उस दिन देर तक संसद की कार्यवाही चलने की वजह से वह संपर्क नहीं कर पाए। तभी शाम करीब 8: 45 बजे जेटली का फोन आया और उन्होंने बताया कि वह अनुच्छेद-370 खत्म करने को लेकर एक लेख लिख रहे हैं और कुछ तथ्यों की जानकारी चाहते हैं। सिंह ने कहा कि जेटली उनके लिए क्या मायने रखते थे, शायद 'मेरे लिए भी एक पहेली थे।' लेकिन एक चीज निश्चित है वह मेरे और मुझ जैसे अन्य लोगों के लिए सलाहकार, दोस्त, मार्गदर्शक थे। उनके जाने से जो खालीपन पैदा हुआ है उसको भरना मुश्किल है।
जितेंद्र सिंह ने कहा कि वह जेटली की सलाह पर चिकित्सा महाविद्यालय में प्राध्यापक का पेशा छोड़ भाजपा में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि जेटली ने कहा था कि आप राजनीति में एक अलग मुकाम बनाएंगे। राज्यमंत्री ने लिखा कि जेटली में अपने कनिष्ठों या सहयोगियों के साथ खड़े होने की प्रतिबद्धता एंव क्षमता थी।