जम्मू: जम्मू कश्मीर से लद्दाख को अलग करने और दोनों क्षेत्रों को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के केंद्र के फैसले के बाद लेह में जश्न का माहौल रहा जबकि करगिल में विरोध के स्वर देखने को मिले। लंबित मांग पूरी होते ही बौद्ध बहुल लेह शहर में जश्न का माहौल बन गया। वहीं, मुस्लिम बहुसंख्यक करगिल के नेताओं ने अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने का स्पष्ट विरोध किया और कांग्रेस के एक नेता ने आंदोलन करने की चेतावनी दी है।
राजनीतिक विचारधारा से ऊपर उठकर भाजपा और कांग्रेस दोनों दलों के नेता लेह वासियों की खुशी में शामिल हुए। लद्दाख से भाजपा के लोकसभा सदस्य जामयांग सेरिंग नामग्याल ने अनुच्छेद 370 के तहत विशेष राज्य के दर्जे को समाप्त करने के केंद्र सरकार के निर्णय की सराहना करते हुए कहा कि इससे इलाके में विकास का मार्ग प्रशस्त होगा और सीमा क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत होगी।
नामग्याल ने कहा कि लद्दाख के लोग लंबे समय से केंद्र शासित प्रदेश के दर्जे की मांग कर रहे थे क्योंकि वे कश्मीर केंद्रित नेताओं के कारण भेदभाव का शिकार हो रहे थे। हालांकि पड़ोस के करगिल जिले में नेताओं ने केंद्र के कदम के खिलाफ गहरी नाराजगी प्रकट की।
कांग्रेस के बागी नेता और पूर्व विधायक असगर अली करबालाई ने कहा, ‘‘यह जम्मू कश्मीर के लिए ही नहीं समूचे देश के लिए काला दिन है। हम धर्म, भाषा और क्षेत्र के आधार पर जम्मू कश्मीर को बांटे जाने के खिलाफ हैं।’’ उन्होंने कहा कि करगिल के लोग फैसले के खिलाफ हैं और व्यापक आंदोलन चलाया जाएगा।