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‘अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त कर मोदी ने भारत में आतंक के प्रवेशद्वार को बंद किया’

अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के मुख्य रास्ते थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों को समाप्त कर उस प्रवेशद्वार को बंद कर दिया है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published : October 31, 2019 11:18 IST
‘अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त कर मोदी ने भारत में आतंक के प्रवेशद्वार को बंद किया’
‘अनुच्छेद 370 और 35ए को समाप्त कर मोदी ने भारत में आतंक के प्रवेशद्वार को बंद किया’

नयी दिल्ली: आज देश के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल की 144 जयंती है। इस अवसर पर पूरे देश में कार्यक्रम हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जहां गुजरात के केवडिया में सरदार को श्रद्धांजलि दी वही राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली में संसद मार्ग पर सरदार पटेल की प्रतिमा पर जाकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के मुख्य रास्ते थे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों को समाप्त कर उस प्रवेशद्वार को बंद कर दिया है। 

शाह ने यह भी कहा कि जम्मू कश्मीर का बाकी देश के साथ एकीकरण का सरदार वल्लभभाई पटेल का अधूरा सपना पांच अगस्त को पूरा हुआ जब अनुच्छेद 370 और 35ए रद्द किये गए। पटेल की 144वीं जयंती के मौके पर यहां ‘एकता दौड़’ की शुरुआत करते हुए उन्होंने कहा, “अनुच्छेद 370 और 35ए भारत में आतंकवाद का रास्ता थे। प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें रद्द कर इस प्रवेशद्वार को बंद कर दिया है।” 

अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने वाला प्रस्ताव संसद के दोनों सदनों में अगस्त में पेश करने वाले शाह ने कहा कि जब भारत को आजादी मिली थी उस वक्त यहां 550 से ज्यादा रियासतें थीं और सब को लगता था कि भले ही भारत को आजादी मिल गई हो लेकिन देश विघटित ही रहेगा। शाह ने कहा कि उस वक्त महात्मा गांधी ने सारी रियासतों के भारत संघ में विलय की जिम्मेदारी पटेल को सौंपी थीं और इस काम को पटेल ने उत्कृष्टता से पूरा किया। 

उन्होंने कहा कि एक काम पूरा होना बाकी रह गया था और वह काम था जम्मू कश्मीर का भारत संघ में पूर्ण एकीकरण। हजारों लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए शाह ने कहा,‘‘अनुच्छेद 370 और 35ए इस एकीकरण की राह में बड़ी बाधा थे और किसी ने भी इस विषय को हाथ नहीं लगाया। जम्मू कश्मीर का बाकी देश के साथ एकीकरण का सरदार वल्लभभाई पटेल का अधूरा सपना पांच अगस्त को पूरा हुआ जब अनुच्छेद 370 और 35ए रद्द किये गए।’’ गृह मंत्री ने कहा कि 2019 लोकसभा चुनाव में नरेन्द्र मोदी को मिली प्रचंड जीत के बाद दोनों अनुच्छेदों को समाप्त करने का निर्णय किया गया। 

शाह ने कहा कि कई वर्षों तक पटेल को वह सम्मान नहीं मिला जिसके वह हकदार थे। उनकी अनदेखी की गई और उन्हें भुलाने तक की कोशिश की गई। पटेल को भारत रत्न नहीं दिया गया, उनकी प्रतिमा नहीं लगाई गई और न ही उनका चित्र लगाने की अनुमति थी। उन्होंने कहा कि जब मोदी प्रधानमंत्री बने तब उन्होंने पटेल को वह सम्मान देना शुरू किया जिसके वह हकदार थे। 

गुजरात के केवडिया में स्थित पटेल की 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मोदी ने किसानों से लोहे के टुकड़े, गुजरात के हर गांव से मिट्टी और विभिन्न नदियों के पानी लेकर उस शख्स को विनम्र श्रद्धांजलि दी जिन्होंने देश को एकजुट किया। उन्होंने कहा कि भारत का नक्शा जैसा आज दिखता है वह देश की 550 से अधिक रियासतों को एक करने के पटेल के प्रयासों के कारण है। 

शाह ने कहा,"सरदार पटेल के कारण एकीकृत भारत अस्तित्व में आया और आज हम उन्हें विनम्रतापूर्वक याद करते हैं।’’ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस मौके पर राष्ट्रीय राजधानी में बृहस्पतिवार को ‘एकता दौड़’ (रन फॉर यूनिटी) को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। 

करीब डेढ़ किलोमीटर लंबी इस दौड़ में हिस्सा लेने वाले लोगों ने सफेद रंग की टी शर्ट पहनी हुई थी और उनके हाथों में पटेल की तस्वीर थी। ये लोग दौड़ में शामिल होने के लिए नेशनल स्टेडियम और इंडिया गेट पर इकट्ठा थे। शाह में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।

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