शिमला। बर्ड फ्लू की दहशत के बीच हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में बुधवार को राष्ट्रीय राजमार्ग के पास करीब 500 मुर्गियां मृत पाई गई हैं। हालांकि, यह पता नही चल पाया है कि किसने इन मृत मुर्गियों को फेंका है। राज्य के पशुपालन विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मृत मुर्गियों के नमूने एकत्र किए गए हैं और इन्हें बर्ड फ्लू प्रोटोकॉल के तहत दफनाया गया है।
इससे पहले दिन में अधिकारियों ने बताया था कि कांगड़ा जिले में पोंग वेंटलैंड (आर्द्रभूमि) के आसपास के क्षेत्र से जीवित मुर्गियों के करीब 120 नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं, जिससे यह पुष्टि की जा सके कि कहीं वे बर्ड फ्लू की चपेट में तो नहीं हैं। उन्होंने बताया कि वेंटलैंड और इसके आसपास में 28 दिसंबर के बाद करीब 3,000 प्रवासी पक्षियों की मौत होने और पक्षियों में फैल रहे एच5एन1 एवियन इन्फ्लूएन्जा को देखते हुए इन नमूनों को जांच के लिए भेजा गया।
अधिकारियों ने कहा कि अब तक यहां मुर्गियों में अस्वाभाविक मौत के मामले सामने नहीं आए हैं। हालांकि, अगर नमूनों में संक्रमण की पुष्टि होती है तो उस सूरत में झील के एक किलोमीटर की परिधि में सभी मुर्गियों को मारने की कार्रवाई करनी होगी। साथ ही क्षेत्र के सभी व्यावसायिक मुर्गी पालन केंद्रों को संक्रमणमुक्त करने की कार्रवाई भी की जाएगी। इस बीच, कांगड़ा के अतिरिक्त जिलाधिकारी रोहित राठौर ने बुधवार को अधिकारियों को प्रत्येक संभाग में मृत पक्षियों को दफनाने के लिए कम से कम एक सुरक्षित स्थान चिन्हित करने के निर्देश दिए।
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दक्षिण के राज्यों से मुर्गे-मुर्गियों की खेप पर मध्य प्रदेश में रोक
इंदौर: केरल और अन्य दक्षिण भारतीय राज्यों से भेजी गई मुर्गे-मुर्गियों की कोई भी खेप अगले 10 दिन तक मध्यप्रदेश की सीमा में दाखिल नहीं हो सकेगी। मध्यप्रदेश सरकार ने हालात की समीक्षा के बाद बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप (स्ट्रेन) की रोकथाम के लिए यह अहम फैसला किया है। राज्य के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को यहां संवाददाताओं से कहा, "केरल और दक्षिण भारत के कुछ अन्य राज्यों में मुर्गे-मुर्गियों में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। लिहाजा हमने तय किया है कि इन राज्यों से भेजे गए मुर्गे-मुर्गी अगले 10 दिन तक मध्यप्रदेश में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।"
उन्होंने बताया कि मुर्गे-मुर्गियों के इस अंतरराज्यीय परिवहन पर रोक को लेकर मध्यप्रदेश के सीमावर्ती जिलों के प्रशासन को निर्देश जारी किए जा रहे हैं। गौरतलब है कि बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप को नियंत्रित करने के लिए केरल में मुर्गे-मुर्गियों और बत्तखों को मारना पहले ही शुरू कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया, "मैंने बर्ड फ्लू को लेकर राज्य की स्थिति की आज (बुधवार) ही समीक्षा की है। चिंता की कोई जरूरत नहीं है। हम हालात पर बराबर नजर रखे हुए हैं।" उन्होंने बताया, "राज्य में कौओं और कुछ अन्य प्रजातियों के पक्षियों में बर्ड फ्लू के लक्षण पाए गए हैं। लेकिन औचक जांच में राज्य के किसी भी पोल्ट्री फार्म के मुर्गे-मुर्गियों में अब तक यह बीमारी नहीं मिली है।" मुख्यमंत्री ने बताया, "मैंने राज्य के सारे जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे पोल्ट्री फार्म संचालकों से बात कर बर्ड फ्लू की रोकथाम के लिए दिशा-निर्देश तय करें। अब पोल्ट्री फार्म इन दिशा-निर्देशों के हिसाब से ही चलेंगे।"
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केरल के अलप्पुझा, कोट्टायम जिलों में 69,000 पक्षियों को मारा गया
तिरुवनंतपुरम (केरल): केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में बर्ड फ्लू के एच5एन8 स्वरूप के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए बत्तखों एवं मुर्गे-मुर्गियों समेत 69,000 से अधिक पक्षियों को मारा गया है। केरल के पशुपालन मंत्री के. राजू ने बुधवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 19 त्वरित कार्रवाई बल दोनों जिलों में पक्षियों को मारने का काम कर रहे हैं और जिन क्षेत्रों में संक्रमण फैलने की आशंका है, उन्हें बृहस्पतिवार को संक्रमणमुक्त किया जाएगा। राजू ने कहा कि एन5एन8 वायरस से मनुष्यों के संक्रमित होने के अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के पक्षी प्रवासी पक्षियों से संक्रमित हुए हैं। अभी तक मनुष्यों के इस वायरस से संक्रमित होने का मामला सामने नहीं आया हैं। हालांकि इस वायरस के स्वरूप बदलने की आशंका है, इसलिए हमें सतर्क रहना होगा।’’ उन्होंने कहा कि इन क्षेत्रों में पक्षियों के मांस एवं उनके अंडों की बिक्री पर प्रतिबंध जारी रहेगा।
केंद्र ने केरल, हरियाणा में ‘बर्ड फ्लू’ से प्रभावित जिलों के लिए बहु-विषयक टीमों की तैनाती की
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार (6 जनवरी) को कहा कि उसने बर्ड फ्लू से प्रभावित केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम जिले तथा हरियाणा के पंचकुला जिले में बहु-विषयक टीमों की तैनाती की है। एक बयान में कहा गया कि पशुपालन विभाग ने सोमवार को केरल के अलप्पुझा और कोट्टायम जिलों में बत्तखों के नमूनों में बर्ड फ्लू (एच5एन8) के संक्रमण की पुष्टि की थी। इसी तरह, पंचकुला जिले से कुक्कुटों के नमूनों में भी संक्रमण की रिपोर्ट मिली थी। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी), राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान, पीजीआईएमईआर चंडीगढ़, दिल्ली के आरएमएल हॉस्पिटल और लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञों की दो बहु-विषयक टीमों की प्रभावित जिलों में 4 जनवरी से तैनाती की गयी है। यह टीम बर्ड फ्लू संक्रमण रोकने के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय की रणनीति को लागू करने में राज्यों के स्वास्थ्य विभागों की मदद करेगी।
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'पक्षियों से इंसानों में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है'
बयान में कहा गया केरल के लिए एनसीडीसी के निदेशक, संयुक्त सचिव और कोविड-19 नोडल अधिकारी की उच्च स्तरीय टीम बनायी गयी है। यह टीम बर्ड फ्लू से जुड़ी लागू रणनीति का जायजा लगी और उचित कदम के लिए लोकस्वास्थ्य प्राधिकारों का मार्गदर्शन करेगी। यह उच्च स्तरीय टीम राज्य में कोविड-19 की स्थिति की भी समीक्षा करेगी। मंत्रालय के मुताबिक राजस्थान के झालावाड़ और मध्यप्रदेश के भिंड में कौओं और प्रवासी पक्षियों में बर्ड फ्लू के संक्रमण के मामले आए हैं। पशुपालन विभाग ने कुक्कुटों में बीमारी की पहचान के लिए निगरानी तेज करने के संबंध में अलर्ट जारी किया है। बयान में कहा गया, ‘‘पक्षियों से इंसानों में संक्रमण का कोई मामला नहीं आया है। स्वास्थ्य मंत्रालय उभरती स्थितियों पर नजर रखे हुए है।’’
कर्नाटक सरकार ने बर्ड फ्लू के मद्देनजर ‘हाई अलर्ट’ जारी किया
बेंगलुरु: पशुपालन मंत्री प्रभु चौहान ने बुधवार को कहा कि कर्नाटक सरकार ने पड़ोसी राज्य केरल में बर्ड फ्लू के मामले आने के बाद सभी राज्य के सभी जिलों को ‘हाई अलर्ट’ पर रहने को और तमाम एहतियात बरतने को कहा है। उन्होंने कहा कि फिलहाल राज्य में बर्ड फ्लू का कोई मामला नहीं आया है, लेकिन अधिकारियों से हर संभव एहतियात बरतने को कहा गया है। केरल की सीमा से सटे दक्षिण कन्नड़, कोदागु, मैसूरु और कामराजनगर सहित विभिन्न जिलों में विभाग के उपनिदेशकों को निर्देश दिया गया है कि वे उपायुक्तों के साथ मिलकर जिला स्तर की रोग नियंत्रण समितियों के साथ बैठक करें और एहतियाती कदम उठाएं।
महाराष्ट्र: ठाणे के हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में 15 बगुलों की मौत
ठाणे: महाराष्ट्र के ठाणे शहर स्थित हाउसिंग कॉप्लेक्स में बुधवार को संदिग्ध परिस्थितियों में 15 बगुले मृत पाए गए। नगर निकाय के अधिकारी ने यह जानकारी दी। ठाणे नगर निगम (टीएमसी) के क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख संतोष कदम ने बताया कि दोपहर तकरीबन 3:24 बजे घोडबंदर रोड के वाघबिल इलाके में स्थित विजय वर्तिका हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में पक्षी मृत मिले। अधिकारी ने बताया कि मृत पक्षियों के अवशेषों को मुंबई के पशु चिकित्सालय में मौत के कारणों का पता लगाने के लिए भेजा गया है। टीएमसी के पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. क्षमा शिरोडकर नारे से तमाम कोशिशों के बावजूद संपर्क नहीं हो सका।
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