नयी दिल्ली: भारतीय थल सेना सूत्रों ने बुधवार को कहा कि यदि बालाकोट एयर स्ट्राइक के अगले दिन 27 फरवरी को पाकिस्तानी वायुसेना ने जम्मू कश्मीर में राजौरी के पास आयुध भंडार पर बम गिराए होते, तो भारत भी पाकिस्तान को इसका जवाब देता। भारत ने 14 फरवरी को हुए पुलवामा आतंकवादी हमले के जवाब में 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रशिक्षण शिविरों पर एयर स्ट्राइक किया था। पुलवामा आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
पाकिस्तानी वायु सेना ने बालाकोट एयरस्ट्राइक के अगले दिन भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी लेकिन उसकी कोशिश विफल कर दी गई। पाकिस्तानी वायु सेना ने हवाई झड़प में भारत के एक मिग-21 लड़ाकू विमान को गिरा दिया था और भारतीय वायुसेना के एक पायलट अभिनंदन वर्धमान को पकड़ लिया था, जिन्हें बाद में एक मार्च को भारत को सौंप दिया गया। वर्धमान ने पाकिस्तान के एक एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था। इस हवाई झड़प के बाद पाकिस्तान ने कहा कि उसके सैन्य विमानों ने जानबूझकर भारतीय रक्षा प्रतिष्ठानों पर हमला नहीं किया था और यह हवाई हमला नयी दिल्ली को कड़ा संदेश देने के लिए किया गया।
एक सूत्र ने कहा, ‘‘अगर कश्मीर में आयुध भंडार जैसे महत्वपूर्ण स्थान को निशाना बनाया गया होता तो हम निश्चित तौर पर जवाबी कार्रवाई करते।’’ उन्होंने कहा कि बालाकोट एयरस्ट्राइक के बाद सेना किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार थी। सूत्रों ने यह भी बताया कि भारतीय थल सेना पहला ‘इंटीग्रेटेड बैटल गुप’ (आईबीजी) सिक्किम सेक्टर में तैनात करने की योजना बना रही है और फिर इसे अन्य महत्वपूर्ण इलाकों में तैनात किया जाएगा। सेना के विभिन्न अंगों को एकीकृत करने के उद्देश्य वाले आईबीजी में तोपखाने की तोपें, टैंक, वायु रक्षा प्रणाली और अन्य साजोसामान शामिल हैं। इसके पूरी तरह से फौरन युद्ध के लिए तैयार इकाई बनने की उम्मीद है। सूत्रों ने बताया कि सभी आईबीजी का नेतृत्व मेजर जनरल पद के अधिकारी करेंगे। सेना की अगले साल सिक्किम में पहला आईबीजी तैनात करने की तैयारी है।