नई दिल्ली: उत्तरी सियाचिन में सेना का आठ सदस्यीय एक दल हिमस्खलन की चपेट में आ गए। हिमस्खलन की चपेट में आए चार जवान शहीद हो गए। साथ ही सैनिकों का सामान ढोने वाले दो पोर्टरों की भी मौत हो गई। सेना के बचाव दल ने सभी को घटना वाली जगह से रेस्क्यू कर लिया है। यह हिमस्खलन उत्तरी ग्लेशियर में उस वक्त हुआ जब आठ जवानों का गश्ती दल वहां गश्त लगा रहा था।
भारतीय सेना ने कहा कि "19,000 फीट की ऊंचाई पर सियाचिन ग्लेशियर के उत्तरी क्षेत्र में आठ कर्मियों को हिमस्खलन ने चपेट में ले लिया। जिसके बाद आस-पास के स्थानों से हिमस्खलन बचाव दल घटना स्थल पर पहुंचे।" सेना ने कहा कि "सभी आठ कर्मियों को हिमस्खलन के मलबे से बाहर निकाला गया। गंभीर रूप से घायल हुए 7 लोगों को चिकित्सा दलों के साथ हेलीकॉप्टर द्वारा नजदीकी सैन्य अस्पताल में पहुंचाया गया। चार सैनिक और दो सिविलियन पोर्टर्स की मौत हो गई।
सूत्रों का कहना है कि उत्तरी सियाचिन ग्लेशियर में सोमवार को दोपहर करीब 3:30 पर हिमस्खलन हुआ, जिसने सेना के आठ जवानों के गश्ती दल को चपेट में ले लिया। बता दें कि सर्दियों के मौसम में यहां जवानों का सामना अक्सर बर्फीले तूफान और भू-स्खलन से होता है। पारा भी यहां जवानों का दुश्मन बनता है और इस इलाके में तापमान शून्य से 60 डिग्री सेल्सियस तक नीचे चला जाता है।