नई दिल्ली: रेलमंत्री पीयूष गोयल ने आज इस बात का खुलासा किया कि एलिफिंस्टन स्टेशन पर भगदड़ में 23 लोगों की मौत के बाद मुंबई में तीन यात्री ओवरब्रिज निर्माण की इजाजत आर्मी को देने के लिए आर्मी चीफ बिपिन रावत ने उन्हें धन्यवाद दिया था। भगदड़ की यह घटना पिछले साल 29 सितंबर को हुई थी।
भगदड़ की इस घटना की वजह बताते हुए गोयल ने कहा, 'उस दिन मुंबई में अचानक तेज बारिश होने लगी थी और चार ट्रेनें एक साथ एलिफिंस्टन स्टेशन के प्लेटफॉर्म पर आकर लगी थी। बारिश के चलते बड़ी संख्या में यात्री ओवरब्रिज के पास बारिश रुकने का इंतजार कर रहे थे। अचानक एक फूल बेचनेवाला फिसल गया और वह मराठी में चिल्लाया कि 'फूल' गिर गया। वहां मौजूद अन्य यात्रियों ने फूल को 'पुल' समझ लिया और भगदड़ मच गई।
पीयूष गोयल ने कहा, 'रेलमंत्री के तौर पर कार्य संभालने के बाद मैंने मुंबई के सभी ओवरब्रिज का ऑडिट कराने का आदेश दिया और पाया कि तीन ऐसे फुटब्रिज हैं जो कमजोर हैं।' 'निर्माण के लिए निविदा की प्रक्रिया शुरू करने और उसे पूरा करने में लंबा वक्त लगता इसलिए मैंने आर्मी को यह काम सौंपने का फैसला किया। क्योंकि इस काम को क्रियान्वित करने का यह सबसे आसान तरीका था। मैंने उन्हें तीन महीने का समय दिया। इस तरह से देश की सेवा करने का अवसर मिलने पर आर्मी चीफ ने मुझे धन्यवाद दिया। मुझे यह कहने में बेहद खुशी हो रही है कि कार्य समय पर पूरा हुआ और 26 जनवरी को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने इसका लोकार्पण किया।'
रेलमंत्री ने केंद्रीय बजट की सराहना करते हुए कहा कि नवीनतम सिग्नलिंग सिस्टम ETCS लेवल 2 को रेल सुरक्षा और रेलयात्रा की गति बढ़ाने के लिए अपनाया गया है। ' रेलवे 160 साल पुरानी है और हमलोगों के पास अभी भी 160 साल पुराना लाल, पीला और हरी रोशनी की सिग्नलिंग व्यवस्था है। नई सिग्नलिंग व्यवस्था पूरे रेल नेटवर्क में लागू की जाएगी'
गोयल ने कहा, 'रेलवे में निवेश 2014 की तुलना में इस साल तीन गुना बढ़ गया है। 2014 में जहां 50 हजार करोड़ का निवेश हुआ था, इस साल यह बढ़कर 1 लाख 48 हजार करोड़ हो गया है।' उन्होंने कहा कि 73 हजार करोड़ रुपये सिर्फ रेल सुरक्षा पर खर्च किए जाएंगे। गोयल ने कहा, 'मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि अगले 4 से 5 साल में भारत में सबसे आधुनिक और वर्ल्ड क्लास की रेलवे होगी।'
मंत्री ने कहा कि पिछले साल सर्दी में कोहरे की वजह से ट्रेनों के देरी से परिचालन के लिए वह जिम्मेदार थे। 'इसके सिवा कोई अन्य विकल्प नहीं था। ट्रैक का नवीनीकरण हमारी शीर्ष प्राथमिकता रही जिसके चलते हमें ट्रेनें रोकनी पड़ीं। इस वजह से ट्रेनें देरी से चल रही थीं।'
गोयल ने अपने पूर्ववर्ती सुरेश प्रभु (अब वाणिज्य मंत्री) के कार्यों की सराहना की और कहा कि वह केवल उनके (प्रभु) शुरू किए गए कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। ' रेल बजट को आम बजट के साथ जोड़ना सरकार का अच्छा कदम था। पिछले कई सालों से रेलवे बजट केवल एक राजनीतिक बयान बनकर रह गया था। परियोजनाओं की घोषणा की जाती थी लेकिन वे कम्पलीट नहीं होते थे। जब हमारी सरकार ने कार्यभार संभाला तो रेलवे के 450 प्रोजेक्ट लंबित थे।