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कश्मीर में बाढ़, मकान ढहने से 16 जिंदा दफन

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में लगातार चार दिनों से हो रही भारी बारिश से आई बाढ़ तथा दो मकानों के ढहने से सोमवार को 16 लोग जिंदा दफन हो गए, जबकि एक व्यक्ति बह गया। झेलम

India TV News Desk
Updated : March 30, 2015 19:42 IST

श्रीनगर: कश्मीर घाटी में लगातार चार दिनों से हो रही भारी बारिश से आई बाढ़ तथा दो मकानों के ढहने से सोमवार को 16 लोग जिंदा दफन हो गए, जबकि एक व्यक्ति बह गया। झेलम नदी में लगातार बढ़ रहे जलस्तर से चिंतित लोग सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं। अधिकारियों ने सोमवार को जम्मू एवं कश्मीर को बाढ़ प्रभावित घोषित कर दिया। लोगों को पिछले साल सितंबर में आई बाढ़ का डर सता रहा है, जिसके सैलाब में विनाश व मौत का तांडव हुआ था।

जम्मू से आई खबर के मुताबिक, डोडा से एक वाहन में मवेशियों को लेकर उधमपुर जा रहा एक युवक अंग्रेज सिंह रास्ते में बाढ़ की चपेट में आ गया और बह गया।

इस बीच, श्रीनगर से 12 किलोमीटर दूर स्थित पैंपोर कस्बे में जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग पर पानी जमा होने के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है।

खबरों के मुताबिक, उफान पर आई झेलम नदी का पानी पैंपोर कस्बे में एक जगह पर एक तटबंध को तोड़कर बह रही है, जिसके कारण राजमार्ग पर बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है।

जम्मू एवं कश्मीर सालभर के भीतर एक बार फिर बाढ़ की चपेट में है। राज्य की कश्मीर घाटी में पिछले चार दिनों से भारी बारिश व बर्फबारी के कारण हालात खतरनाक स्तर तक पहुंच चुके हैं। कश्मीर में झेलम नदी उफान पर है। संकटपूर्ण स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार ने सोमवार को घाटी के बाढ़ से प्रभावित होने की घोषणा की। हालात खराब होने कारण लोग सुरक्षित स्थानों की तलाश में अपने घरों को छोड़कर पलायन कर रहे हैं। अधिकारी पहाड़ी जलधाराओं और झेलम नदी के जलस्तर पर नजर बनाए हुए हैं। घाटी में बाढ़ के मौजूदा हालात ने वर्ष 2014 में वहां आई बाढ़ की याद दिला दी है, जिसके कारण यहां भारी तबाही हुई थी और सैकड़ों लोगों की जान गई थी।

एक शीर्ष संभागीय प्रशासनिक नेता ने आईएएनएस को बताया, "सोमवार को अनंतनाग में संगम पर जलस्तर 22.8 फुट, श्रीनगर के राम मुंशीबाग पर 19 फुट और बांदीपोरा में अशिम पर 11.55 फुट दर्ज किया गया। सभी अधिकारियों को ड्यूटी पर तैनात रहने और आवश्यकता पड़ने पर उपलब्ध रहने के आदेश दिए गए हैं।"

अधिकारी ने कहा कि झेलम नदी के तट पर बसे परिवारों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने की सलाह दी गई है। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कहा गया है।

श्रीनगर के बाढ़ प्रभावित इलाकों जैसे राजबाग, जवाहर नगर, गोगजीबाग, वजीर बाग सहित कई जगहों पर रहने वाले लोग रविवार शाम से ही सुरक्षित स्थानों पर जाने लगे हैं।

रेजीडेंसी रोड और लाल चौक पर दुकान लगाने वाले व्यवसायियों को दुकान का माल और सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जाते देखा गया।

बीते साल (2014) सितंबर महीने में घाटी में आई भयंकर बाढ़ में भी ये इलाके बुरी तरह प्रभावित हुए थे।

घाटी में भारी वर्षा के कारण बीते दो दिनों में 80 से ज्यादा सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को क्षति पहुंची है।

घाटी को देश के अन्य हिस्से से जोड़ने वाले महत्वपूर्ण जम्मू-श्रीनगर राजमार्ग को शनिवार को बंद कर दिया गया। जम्मू में अधिकारियों ने कहा कि राजमार्ग सोमवार को भी बंद रहेगा।

ऊंचाई वाले क्षेत्रों पर हिमस्खलन की भी आशंका को लेकर चेतावनी जारी की गई है। राज्य में सभी परीक्षाओं को तीन अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

घाटी में अंतर-राज्य संपर्क भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।

श्रीनगर-गुलमर्ग, श्रीनगर-कुपवाड़ा और श्रीनगर-बांदीपोरा मार्गो को बाढ़ के कारण बंद करना पड़ा है। पुल और छोटी पुलिया बाढ़ में डूब चुके हैं।

मौसम विभाग ने सोमवार के बाद मौसम में सुधार होने का पूर्वानुमान जताया है।

स्थानीय मौसम विभाग के निदेशक सोनम लोटस ने आईएएनएस को बताया, "सोमवार के बाद से बारिश कम होगी। एक और पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव राज्य में दो अप्रैल को हो सकता है, लेकिन वह मौजूदा विक्षोभ से कम प्रभावी होगा।"

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