Tuesday, November 05, 2024
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आप की अदालत: 'उत्तर में हिमालय और दक्षिण में समुद्र के बीच में जो भी है वह भारत की औलाद'

उत्तरम य समुद्स्य हिमाद्रि चैव दक्षिणम, वशम तन भारत नाम भारती यत्र सन्तति.. हर कोई जो उत्तर में हिमालय और दक्षिण में समुद्र, इस बीच में जो कोई है वह भारत की औलाद है।'

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: January 12, 2020 0:02 IST
Arif Mohammed Khan in Aap Ki Adalat- India TV Hindi
Image Source : INDIAA TV Arif Mohammed Khan in Aap Ki Adalat

नई दिल्ली: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि हर कोई जो उत्तर में हिमालय और दक्षिण में समुद्र, इस बीच में जो कोई है वह भारत की औलाद है। उन्होंने इंडिया टीवी के शो आप की अदालत में रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए ये बातें कही। सीएए से जुड़े एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, 'हिन्दू और सिख आबादी पर जो अत्याचार हुए हैं, इनके प्रति हमारी कोई नैतिक जिम्मेदारी है कि नहीं है ? ..हमारी परम्परा तो यह है , उत्तरम य समुद्स्य हिमाद्रि चैव दक्षिणम, वशम तन भारत नाम भारती यत्र सन्तति.. हर कोई जो उत्तर में हिमालय और दक्षिण में समुद्र, इस बीच में जो कोई है वह भारत की औलाद है।'

रजत शर्मा के सवालों का जवाब देते हुए आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, 'महात्मा गांधी ने 7 जुलाई, 1947 को लिखा था कि यदि हिंदू और सिख पाकिस्तान में नहीं रहना चाहते तो उन्हें पूरा हक है कि वे आकर भारत में रहें। यह भारत सरकार का कर्तव्य है कि वह उन्हें रोजगार, नागरिकता और अन्य सभी सुविधाएं मुहैया कराए जिससे वे भारत में एक अच्छी जिंदगी जी सकें।'

केरल के राज्यपाल ने यह स्वीकार किया कि नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को बेहतर तरीके से लोगों के सामने रखा जा सकता था। उन्होंने कहा-'मैं मानता हूं हमारी कमी है, हमारी कमी है कि हम इस बात को ठीक से बता नहीं सके।'

आरिफ मोहम्मद खान ने वर्ष 2003 में गृह मामलों पर संसदीय समिति की 107वीं रिपोर्ट का हवाला दिया जिसमें पाकिस्तानी और बांग्लादेशी 'अल्पसंख्यक शरणार्थियों' को भारत की नगारिकता देने की सिफारिश की गई थी। इस समिति ने इन अल्पसंख्यक शरणार्थियों को राष्ट्रीय पहचान पत्र जारी करने की भी सिफारिश की थी। खान ने कहा- '2003 में ये सिफारिश कर रहे थे कि नॉन मुस्लिम्स जो बांग्लादेश से आए हुए हैं उनको सिटिजनशिप दी जानी चाहिए तब ये कहां थे?' उन्होंने कहा- 'प्रणब मुखर्जी इस समिति के चेयरमैन थे और इसमें कपिल सिब्बल, हंसराज भारद्वाज, अंबिका सोनी और मोतीलाल वोरा जैसे सदस्य थे।'

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