नई दिल्ली: ब्रिटेन में कोरोना फैमिली का एक नया वायरस मिला है। कोरोना वायरस का ये नया प्रकार यानी स्ट्रेन ब्रिटेन में आउट ऑफ कंट्रोल होता जा रहा है जिसकी वजह से यह एक बार फिर लॉकडाउन की ओर बढ़ रहा है। कोरोना के इस नये प्रकार के खतरे को देखते हुए भारत समेत कई देशों ने ब्रिटेन से आने और जाने वाली फ्लाइट्स पर तत्काल रोक लगा दी है। कोरोना का नया स्ट्रेन न सिर्फ ब्रिटेन बल्कि इटली, नीदरलैंड, डेनमार्क, ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका में भी फैल गया है। ज्यादातर देशों में कोरोना की वैक्सीन लगनी अभी शुरू भी नहीं हुई है कि इस खतरनाक वायरस के नए अवतार से दहशत फैल गई है। अच्छी बात ये कि अभी भारत में कोरोना के इस नए प्रकार का कोई केस सामने नहीं आया है लेकिन ब्रिटेन समेत दुनिया के कई देशों में ब्रिटेन की इस बेहद खराब हालत को देखते हुए यूरोप समेत दुनिया के कई देशों ने ब्रिटेन से उड़ानों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
ये भी पढ़े: New coronavirus strain: नए कोरोना वायरस से निपटने के लिए योगी सरकार ने दिया ये बड़ा आदेश
नया स्ट्रेन कितना ख़तरनाक, क्या होगा वैक्सीन का असर?
- ये तेज़ी से वायरस के दूसरे प्रकारों की जगह ले रहा है, हो सकता है कि वायरस के उन हिस्सों में बदलाव हो रहा है जो महत्वपूर्ण होते हैं
- ब्रिटेन में अभी वायरस का जो प्रकार मिल रहा है वो बहुत ज़्यादा बदला हुआ है
- इसकी सबसे बड़ी वजह ये हो सकती है कि ये किसी ऐसे रोगी के शरीर में बदला जिसकी प्रतिरोधी क्षमता कमज़ोर थी जिससे वो वायरस को नहीं मार सका
- ऐसे रोगियों के शरीर में ही इस वायरस ने मज़बूत होकर अपना रूप बदल लिया
- डॉक्टरों का मानना है कि वायरस वैक्सीन से बचने की कगार पर है, वो उस दिशा में कुछ क़दम आगे बढ़ चुका है
- दरअसल वायरस वैक्सीन से बचने के लिए अपना रूप बदलता है जिससे वैक्सीन पूरी तरह कारगर नहीं हो पाती
- ऐसे में अभी जो कुछ हो रहा है वो सबसे ज़्यादा चिंता की बात बन जाती है
- ब्रिटेन की ग्लास्गो यूनिवर्सिटी के प्रोफ़ेसर ने बताया कि हो सकता है कि वायरस ऐसा म्यूटेंट बना ले जो वैक्सीन से बच जाता हो
- ऐसा हुआ तो फिर स्थिति फ़्लू के जैसी हो जाएगी, जहां वैक्सीन को नियमित रूप से अपडेट करना पड़ता है
- अच्छी बात ये है कि अभी जो भी वैक्सीन हैं उनमें बदलाव बड़ी आसानी से किया जा सकता है
ये भी पढ़े: शाह महमूद कुरैशी का UAE में दावा, भारत पाकिस्तान पर फिर करने वाला है सर्जिकल स्ट्राइक
इंपीरियल कॉलेज लंदन के डॉ. एरिक वोल्ज कहते हैं, “यह बताना अभी वास्तव में काफी जल्दी होगा लेकिन हमने अब तक जो देखा है उसके मुताबिक यह बहुत तेजी से बढ़ रहा है, यह पहले वाले (वायरस के पूर्व स्वरूप) की तुलना में बेहद तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इस पर नजर रखना महत्वपूर्ण है।” यूनिवर्सिटी ऑफ नॉटिंघम में विषाणुविज्ञानी प्रोफेसर जोनाथन बाल कहते हैं, “सार्वजनिक रूप से अभी जो साक्ष्य उपलब्ध हैं वह इस बात के लिये कोई ठोस राय बनाने को लेकर अपर्याप्त हैं कि क्या इस विषाणु से वास्तव में प्रसार बढ़ा है।”
ये भी पढ़े: 70% से ज्यादा खतरनाक हो सकता है कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन