Monday, November 25, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. भारत
  3. राष्ट्रीय
  4. BLOG: अमृतसर हादसे का गुनहगार कौन?

BLOG: अमृतसर हादसे का गुनहगार कौन?

आयोजक रेल ट्रैक तक भीड़ देख कर गदगद थे, वो तो नवजोत कौर को कह रहे थे, देखिए मैडम रेल की पटरियों पर पांच हज़ार लोग आपके साथ खड़े हैं, चाहे ट्रेन गुजर जाए ट्रैक पर।

Written by: India TV News Desk
Updated on: October 21, 2018 14:13 IST
amritsar train accident- India TV Hindi
amritsar train accident

अमृतसर हादसा दर्दनाक दिल दहलाने वाला, हादसे के लिए ज़िम्मेदारी किसकी इसपर चर्चा हो रही है। साठ लोगों की मौत के पहले गुनहगार रामलीला के आयोजक हैं जिन्होंने रेल ट्रैक के पास रावण दहन का कार्यक्रम रखा, वहां पर स्क्रीन लगाए, न आयोजक, न मंच पर मौजूद मुख्य अतिथि नवजोत कौर को लोगों का रेल ट्रैक पर होना गलत लगा, और तो और आयोजक रेल ट्रैक तक भीड़ देख कर गदगद थे, वो तो नवजोत कौर को कह रहे थे "देखिए मैडम रेल की पटरियों पर पांच हज़ार लोग आपके साथ खड़े हैं, चाहे ट्रेन गुजर जाए ट्रैक पर"  मैडम कौर ने भी इसपर कुछ नहीं कहा न ही लोगों से रेल ट्रैक से हटने की कोई अपील, ऐसा लगता है इन सब के लिए लोगों का रेल ट्रैक पर होना एकदम सामान्य बात थी।

लोगों की मौत की दूसरी बड़ी गुनहगार पुलिस है, पुलिस ने रेल ट्रैक के पास इस आयोजन की इज़ाजत कैसे दी, उसके बाद जब रावण दहन देखने के लिए लोग रेल ट्रैक पर जमा हुए तो पुलिस ने लोगों को वहां से क्यों नहीं हटाया। पुलिस को ट्रेनिंग दी जाती है कि वो ऐसी किसी भी स्तिथि का पूर्वानुमान लगा कर उसके होने से पहले ही काबू कर ले। यहां तो लोग सीधे-सीधे मौत के मुंह में खड़े थे लेकिन पुलिस महकमा सोता रहा, इंतज़ार करता रहा किसी बड़े हादसे का जो हुआ और साठ ज़िंदगियां  मौत की आगोश में समां गईं। ऐसा लगता है पुलिस के लिए भी लोगों का रेल ट्रैक पर होना एकदम सामान्य बात थी। 

तीसरे गुनहगार वो जो इस दुर्घटना के भुक्तभोगी हैं, जिन्होंने इस लापरवाही की कीमत अपनी जान दे कर चुकायी। ऐसा लगता है इन लोगों के लिए रेल ट्रैक पर होना एकदम सामान्य बात थी। लोगों से भी पूछा जाना चाहिए कि वो रेल ट्रैक पर क्यों गए? लोगों का ये कहना कि हम तो सालों से रेल ट्रैक पर रावण दहन देखते आ रहे हैं, ट्रेन ने अलर्ट क्यों नहीं किया बताता है कि लोगों का रवैया कितना लापरवाही भरा था। अरे जनाब ट्रेन अपने ट्रैक पर थी उसे क्या पता कि लोग अंधेरे में ट्रैक पर खड़े हो कर रावण दहन देख रहे हैं। ट्रेन ने अपना रास्ता नहीं बदला बल्कि आप ट्रेन के रास्ते में खुद आ गए, यहां ये भी समझना होगा कि ड्राइवर जब तक समझ पाया होगा कि लोग ट्रैक पर हैं तब तक बहुत देर हो चुकी होगी, उस वक्त तेज गति से चलती ट्रेन में अगर अचानक इमरजेंसी ब्रेक का इस्तेमाल किया जाता तो ये हादसा कई गुना और भयावह हो सकता था। ट्रेन पटरी से उतर जाती और फिर ट्रेन में सवार पता नहीं कितने यात्री मारे जाते। क्या ट्रैक पर मौजूद लोगों को नहीं पता था कि रेल ट्रैक ट्रेन के लिए है लोगों का इस पर जाना जानलेवा है।

अकसर वैसे भी हमारे देश में बड़ा तबका ऐसा है जो नियमों को तोड़ने, पालन ना करने में अपनी शान समझता है। अकसर देखने में आता है लोग फुट ओवर ब्रिज का इस्तेमाल न करके रेल की पटरियों से रास्ता पार करते हैं, चलती ट्रेन में चढ़ते हैं, उतारते हैं और तो और चलती ट्रेन में जानलेवा स्टंट करते हैं क्या ये सभी जानते-बूझते अपनी जान दांव पर नहीं लगाते। रेल ही नहीं सड़क पर भी जानलेवा लापरवाही आम हैं,  सड़क पार करते समय इस बात को नज़रअंदाज़ करते हैं कि सड़क गाड़ियों की आवाजाही के लिए हैं इसलिए सड़क पार करते समय सावधानी बरतनी चाहिए, हम लाल बत्ती तोड़ने में, तय गति सीमा से ऊपर गति में गाड़ी चलाने में, गलत साइड गाड़ी चलाने में, नो पार्किंग में गाड़ी पार्क करने में एक बार भी नहीं सोचते और यही छोटी-छोटी लापरवाही, बड़ा हादसे का सबब भी बनती है।

याद रखिए दुर्घटना एक ही दिन होती है और उस एक दिन से बचाव के लिए ही, आप 365 दिन सावधानी बरतते हैं, वो एक दिन बताता है कि आप सावधान हैं या लापरवाह, ये कहना कि हम हमेशा ऐसा करते आए हैं लेकिन आज तक तो कुछ नहीं हुआ साफ़ करता है कि आप दुर्घटना का इंतज़ार कर रहे थे और आज तक आप का बचना मात्र संयोग है। जो परिवार हादसे का शिकार होते हैं उनके पास कुछ बचता है तो वो है काश में छुपा पछतावा, काश ये न किया होता, काश वो ध्यान रखा होता, लेकिन पछतावे से हादसे मे हुए नुकसान की भरपाई नहीं होती। हादसों को टालने के लिए ज़रूरी है हम सचेत रहें, सजग रहें, ज़िम्मेदार रहें, ध्यान रखें नियम हमारी सुरक्षा के लिए बनाये गयें हैं और हमे नियमों  का पालन करना चाहिए। हम सारी ज़िम्मेदारी सरकार पर, प्रशासन पर, नहीं छोड़ सकते।  नागरिक के रूप में हमारे भी कुछ कर्त्तव्य हैं, हम अपने कर्त्तव्यवों के पालन का संकल्प लें, यही उन साठ लोगों को सच्ची श्रद्धांजली होगी।

(ब्लॉग लेखिका अर्चना सिंह देश के नंबर वन चैनल इंडिया टीवी में न्यूज एंकर हैं)

Latest India News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। National News in Hindi के लिए क्लिक करें भारत सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement