नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर में घुससे के लिए पाकिस्तान हर नापाक कोशिश को अंजाम देने में लगा हुआ है लेकिन भारतीय सेना के हाथों उसे बार-बार मुंह की खानी पड़ रही है। बीती 5 अगस्त से करीब 10 आतंकवादियों ने घुसपैठ की है। इतना ही नहीं पाकिस्तान लगातार दूधनियाल, अथमुकाम और लीपा वैली इलाके में घुसपैठ करने की कोशिर कर रहा है। इस नजरिए से सबसे कमजोर क्षेत्र गुरेज़ है।
दरअसल, पाकिस्तान जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद से बौखलाया हुआ है और आतंकी साजिशों के सहारे कश्मीर में अशांति फैलाना चाहता है। लेकिन, पाकिस्तान की हर चाल नाकाम साबित हो रही है। वह जो भी करता है भारतीय सेना के पास उसका जवाब तैयार होता है। पाकिस्तान ने 12 और 13 सितंबर को भी घुसपैठ करने की नाकाम कोशिश की।
वहीं, पाकिस्तानी सेना ने लगभग 60 आतंकवादियों की घुसपैठ कराने के लिए अप्रयुक्त मार्गों का इस्तेमाल किया है। यह आकलन उन खुफिया सूचनाओं के बीच आया है जिनमें कहा गया है कि सीमा पार से उत्तरी कश्मीर के ऊंचाई वाले इलाकों तथा जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी इलाकों से घुसपैठ में वृद्धि हुई है।
नियंत्रण रेखा से घुसपैठ के सफल और असफल प्रयासों के बारे में जानने के लिए हाल में हुई एक बैठक में सेना के प्रतिनिधि को कश्मीर क्षेत्र के गुरेज, माछिल और गुलमर्ग सेक्टरों के ऊंचाई वाले इलाकों तथा जम्मू क्षेत्र के पुंछ और राजौरी इलाकों में आतंकी घुसपैठ के संबंध में विभिन्न एजेंसियों द्वारा जुटाए गए साक्ष्य सौंपे गए।
जम्मू कश्मीर पुलिस के महानिदेशक दिलबाग सिंह ने पूर्व में कहा था कि नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ के अनेक प्रयास हुए जिनमें से ज्यादातर को विफल कर दिया गया। उन्होंने इस संभावना से इनकार नहीं किया कि हो सकता है कुछ आतंकी घुसपैठ करने में सफल हो गए हों।