नई दिल्ली: प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ पेश महाभियोग प्रस्ताव को राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू द्वारा खारिज कर दिए जाने पर विपक्षी दलों ने इस मामले को सर्वोच्च न्यायालय में ले जाने का फैसला लिया है। कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने सोमवार को यह घोषणा की। पूर्व कानून मंत्री ने मीडिया से कहा, "सभापति का फैसला अभूतपर्वू, अवैध, गलत और असंवैधानिक है।"
उन्होंने कहा कि यह पहली बार है कि प्रारंभिक स्तर पर ही महाभियोग प्रस्ताव को खारिज कर दिया गया। सिब्बल ने कहा, "यह अवैध है, क्योंकि लगाए गए आरोपों की जांच के बाद आदेश पारित किया जाता है, लेकिन सभापति ने पहले ही आदेश पारित कर दिया, ताकि जांच न हो।" उन्होंने कहा, "हम नायडू के इस आदेश को चुनौती देने के लिए सर्वोच्च न्यायालय जाएंगे।"
पहले प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा ने न्यायाधीश बी.एच. लोया की मौत की जांच की मांग खारिज कर अमित शाह को बड़ी राहत दी, अब नायडू ने दीपक मिश्रा पर विपक्ष द्वारा लगाए गए पांच गंभीर आरोपों की जांच से इनकार कर मिश्रा को बड़ी राहत दे दी। इस तरह देश को नई किस्म का 'न्यायतंत्र' देखने को मिल रहा है।