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स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'नाग' के तीनों टेस्ट सफल, अचूक निशाने के साथ पाकिस्तान को कर देगी तबाह

भारत ने बीते रविवार (7 जुलाई) को स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'नाग' के तीन सफल परीक्षण पूरे कर लिए।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: July 08, 2019 10:43 IST
Nag Anti-Tank Guided Missile- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA Nag Anti-Tank Guided Missile

नई दिल्ली। भारत ने बीते रविवार (7 जुलाई) को स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल 'नाग' के तीन सफल परीक्षण पूरे कर लिए। राजस्थान के पोखरण परीक्षण फायरिंग रेंज (Pokharan test firing ranges) में रविवार को 'नाग' का दिन और रात दोनों समय परीक्षण किया गया। सेना के सूत्रों के अनुसार, इस एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल ने अपने डमी टारगेट पर अचूक निशाना साधा है। 

नाग मिसाइल में हैं कई खूबियां- DRDO

2017 और 2018 में एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग के दो सफल परीक्षण किए जा चुके हैं। डीआरडीओ (Defence Research and Development Organisation) की मानें तो इस मिसाइल की कई खूबियां हैं। इमेज के जरिये यह मिसाइल अपना अचूक निशाना साधती है और दुश्मन के टैंक का पीछा करते हुए उसे तबाह कर देती है। नाग मिसाइल वजन में इतनी हल्की है कि इसे इधर उधर आसानी से ले जाकर उपयोग में ले सकते हैं। पहाड़ी पर या दूसरी किसी जगह पर मैकेनाइज्ड इन्फेंट्री कॉम्बैट व्हीकल के जरिए ले जाना काफी आसान है। इसका कुल वजन मात्र 42 किलो है।

230 किलोमीटर प्रति सेकेंड के हिसाब से अपने टारगेट को है भेदती 

नाग मिसाइल बनाने में अब तक 350 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो चुका है। इसकी खासियत है कि यह दिन और रात दोनों समय मार कर सकती है। इस मिसाइल को 10 साल तक बिना किसी रख रखाव के इस्तेमाल किया जा सकता है। ये 230 किलोमीटर प्रति सेकेंड के हिसाब से टारगेट को करती ध्वस्त है । अपने साथ ये 8 किलोग्राम विस्फोटक लेकर चल सकती है। बता दें कि स्वदेशी एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग पाकिस्तानी टैंकों को आसानी से अपना टारगेट बनाने में सक्षम है। 

भारतीय सेना खरीद सकती है 8 हजार नाग मिसाइल 

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, थर्ड जेनरेशन गाइडेड एंटी-टैंक मिसाइल नाग का उत्पादन इस साल के अंत में शुरू हो जाएगा। अब तक इसका ट्रायल चल रहा था। साल 2018 में इस मिसाइल का विंटर यूजर ट्रायल (सर्दियों में प्रयोग) किया गया था। भारतीय सेना 8 हजार नाग मिसाइल खरीद सकती है जिसमें शुरुआती दौर में 500 मिसाइलों के आर्डर दिए जाने की संभावना है। नाग का निर्माण भारत में मिसाइल बनाने वाली अकेली सरकारी कंपनी भारत डायनामिक्स लिमिटेड (हैदराबाद) करेगी। माना जा रहा है कि इसे भारतीय सेना में जल्द शामिल किया जा सकता है, जिससे भारतीय सेना को काफी मदद मिलेगी। 

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