दिल्ली: जाने-माने समाजिक कार्यकतर्ता अन्ना हजारे ने सोमवार को कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिख कर जन लोकपाल और किसान मुद्दों पर 23 मार्च से होने वाले उनके आंदोलन के लिए जगह मुहैया कराने को कहा है। हजारे ने को बताया कि वह पिछले साल नवंबर से आयोजन स्थल की मांग को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह और दिल्ली की पुलिस एवं नगर निगम अधिकारियों को कई पत्र लिख चुके हैं। हालांकि उन्हें कोई जवाब नहीं मिला। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री को अब तक 43 पत्र लिख कर लोकपाल और लोकायुक्त विधेयक लागू करने और कृषि संकट हल करने की मांग की है लेकिन उनके तरफ से इस पर किसी तरह का जवाब नहीं मिला। उन्होंने आरोप लगाया कि केन्द्र सरकार ने सूचना के अधिकार कानून को कमजोर कर दिया है।
इससे पहले भी अन्ना समय समय पर मोदी सरकार की आलोचना करते रहे हैं। अन्ना हजारे ने पिछले महीने भी केंद्र की मोदी सरकार पर लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया और कहा कि 'यह तो सिर्फ आश्वासनों की सरकार है।' उन्होंने कहा कि लोकपाल और लोकायुक्त की नियुक्त का कानून 2013 में ही पारित हो चुका है, लेकिन पांच साल बीत जाने के बाद भी इस पर अमल नहीं किया गया है। नई सरकार आई तो थोड़ी उम्मीद जागी, लेकिन इतने लंबे समय तक कानून को लटकाए रखने की वजह से मोदी सरकार की मंशा पर पूरे देश को शक पैदा होने लगा है। सरकार इसके प्रावधानों में संशोधन करके उसके पूरे उद्देश्य को ही खत्म कर देना चाहती है। अब एक बार फिर अन्ना दिल्ली में विरोध प्रदर्शन की तैयार कर रहे हैं।