नई दिल्ली: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने 23 मार्च से दिल्ली की जेल में सत्याग्रह करने का ऐलान किया है, लेकिन प्रशासन ने उन्हें अब तक इसकी अनुमति नहीं दी है। हजारे ने बताया कि उन्होंने चार महीने पहले ही इस बावत अनुमति मांगी थी। हजारे ने यहां एक प्रेस वार्ता में कहा, "मैंने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और दिल्ली के पुलिस आयुक्त को चार महीने में 16 पत्र लिखे हैं। लेकिन मुझे अब तक कोई जवाब नहीं मिला है।"
सामाजिक कार्यकर्ता हजारे ने बताया, "अगर सरकार मुझे अनुमति नहीं देती है और विरोध जताने की जगह प्रदान नहीं करती है तो भी मैं जेल में सत्याग्रह करने को तैयार हूं। जेल मेरे लिए नई जगह नहीं है। इससे पहले 2011 में भी मैंने ऐसा ही किया था।" हजारे ने कहा कि सरकार जानबूझकर बाधा उत्पन्न कर रही है, लेकिन इससे प्रदर्शन नहीं रुक पाएगा।
हजारे ने कहा कि उन्होंने रामलीला मैदान में प्रदर्शन करने की योजना बनाई है, जहां उन्होंने 2011 में भ्रष्टाचार के विरोध में भूख हड़ताल की थी। उनहोंने कहा कि प्रस्तावित विरोध-प्रदर्शन 2011 से भी बड़ा होगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर जवाब नहीं मिलने पर किए गए सवाल पर हजारे ने कहा, "या तो उनको समय नही हैं क्योंकि उनके पास बहुत काम हैं और वह विदेशी दौरे में बहुत ज्यादा व्यस्त हैं या उन्हें अहंकार है।" हजारे ने कहा कि प्रदर्शन में कई महत्वपूर्ण मसलों में किसानों के मुद्दे भी होंगे। उन्होंने कृषि उत्पादों की कीमतें निर्धारित करने के लिए स्वायत्त आयोग की मांग की है।