रालेगण सिद्धि: सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने महाराष्ट्र के किसानों की अनिश्चितकालीन हड़ताल का समर्थन किया है, जो शुक्रवार को दूसरे दिन में प्रवेश कर गई। लेकिन, हजारे ने हड़ताल के पहले दिन हुई हिंसा पर चिंता भी जताई। उन्होंने किसानों से सार्वजनिक व निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाए बगैर शांति से अपने आंदोलन को जारी रखने का आग्रह किया।
हजारे ने एक बयान में कहा, "मैं किसानों के मुद्दों का समर्थन करता हूं, लेकिन मैं उनसे आंदोलन को शांतिपूर्वक तरीके से करने की अपील करता हूं। मैं सरकार के साथ उनकी ओर से बात करने और इस मुद्दे को हल करने के लिए तैयार हूं।" कोंकण को छोड़कर महाराष्ट्र भर के करीब पांच लाख से अधिक किसान अभूतपूर्व हड़ताल पर हैं जिसमें गुरुवार को कई हिंसक घटनाएं हुईं। हड़ताल के कारण मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पुणे, नासिक, नागपुर और अन्य बड़े शहरों में दूध, ताजा फल, सब्जियों और यहां तक कि अनाज जैसी जरूरी चीजों की कमी से कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है।
किसान कृषि ऋण को पूरी तरह से माफ करने, मुफ्त बिजली, उपज के लिए उचित लाभकारी मूल्य, सिंचाई के लिए अनुदान, 60 साल और उससे ऊपर के किसानों के लिए पेंशन और एम.एस स्वामीनाथन समिति की सिफारिशों को लागू करने की मांग कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि मुद्दों का हल निकालने के लिए किसानों के साथ बातचीत जारी है, इसके बावजूद किसान विभिन्न सरकारी कार्यालयों और कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) कार्यालयों में अपनी मांगों के लिए आंदोलन, विरोध प्रदर्शन और जुलूस निकाल रहे हैं। फडणवीस ने गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर किसानों को कथित रूप से उकसाने का आरोप लगाया था।
शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी से किसानों की मांगों को ध्यान में रखने और तत्काल कदम उठाने की बात कही। जवाब में फडणवीस ने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से अवगत है और वह अपनी सत्ता में सहयोगी शिवसेना से यही उम्मीद करती है। हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को तेजी आई, जिससे कृषि संबंधित वस्तुओं की आवाजाही प्रभावित हुई है। अधिकांश एपीएमसी बाजार खाली नजर आए।