नई दिल्ली. परमबीर सिंह के लेटर के बाद अनिल देशमुख पर विवाद बढ़ गया है। एक तरफ जहां शरद पवार ने अनिल देशमुख के बचाव में दलीलें दी हैं औऱ कहा कि वो 5 से 15 फरवरी तक एडमिट थे, जबकि बीजेपी के नेता और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अनिल देशमुख का पुराना ट्वीट साझा करते हुए कहा कि अनिल देशमुख इस दौरान मीडिया को संबोधित कर रहे थे।
क्या बोले थे शरद पवार
एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने दिल्ली में मीडिया को ब्रीफ कर अनिल देशमुख का बचाव किया। उन्होंने कहा कि पहली नजर में मुझे लगा कि आरोप गंभीर हैं। फरवरी में वाजे से देशमुख की कोई मुलाकात नहीं हुई। शरद पवार ने कहा कि अगर आप पूर्व पुलिस कमिश्नर का लेटर देखेंगे, उन्होंने उल्लेख किया कि फरवरी के मध्य में उन्हें कुछ अधिकारियों द्वारा सूचित किया गया था कि उन्हें गृह मंत्री से ऐसे निर्देश मिले हैं... फरवरी 6 से 15 तक अनिल देशमुख कोरोना के कारण अस्पताल में पीड़ित थे।
यह स्पष्ट है कि जिस अवधि के समय में आरोपों की बात कही गई है, उस समय अनिल देशमुख एडमिट थे। 15 से 27 फरवरी तक वे होम क्वारंटीन थे। हालांकि जब उनसे भाजपा के आरोपों को लेकर सवाल किया तो उन्होंने कहा कि जितनी जानकारी दी गई है, उनता ही बताऊंगा।
महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की साजिश- नवाब मलिक
राकांपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के मंत्री नवाब मलिक ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार को बदनाम करने की ‘‘साजिश’’ रची गई है। उन्होंने मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह द्वारा लिखे गए उस पत्र के समय पर भी सवाल उठाए जिसमें पुलिस अधिकारी ने राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। राकांपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मलिक ने यह भी कहा कि पार्टी ने यह फैसला किया है कि अभी देशमुख को इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘देशमुख की किस्मत पर फैसला जांच पूरी होने के बाद लिया जाएगा।’’