नयी दिल्ली: जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने आज हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात कर मेक इन इंडिया कैंपेन में मदद का भरोसा दिलाया। मुलाकात से पहले दोनों देशों के बीच एमओयू का आदान प्रदान हुआ। दोनों देशों ने व्यापार और अन्य क्षेत्रों से जुड़े मसौदों पर हस्ताक्षर किए हैं। दोनों नेताओं ने करीब तीन घंटे तक बातचीत की। इस बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने एक साझा बयान में बताया कि दोनों देशों के बीच युद्ध, रक्षा, व्यापार और सौर ऊर्जा से जुड़े क्षेत्रों के समझौते हुए हैं। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जर्मन एकीकरण के 25वें साल पर मार्केल को बधाई दी। गौरतलब है कि मार्केल तीन दिवसीय भारत दौरे पर आई हैं।
क्या बोले पीए मोदी-
- ऐसे समय में जब यूरोप और दुनिया मुश्किल हालात में हैं चांसलर मार्केल आपका नेतृत्व आत्मविश्वास और आश्वासन से लबरेज है।
- सहज चुनौतियों और अवसरों के बीच भारत और जर्मनी एक मजबूत साझेदार हो सकते हैं।
- जर्मनी की इंजीनियरिंग और भारत की आईटी स्किल एक नई इंडस्ट्री की स्थापना कर सकते हैं।
- जर्मनी की शक्तियां और भारत की प्राथमिकताएं अब एकीकृत हो चुकी हैं और हमारी आपकी सदभावना भी ऐसी ही है।
- मैं क्लीन एनर्जी और जलवायु परिवर्तन का सामना करने की जर्मन नेतृत्व क्षमता को सराहता हूं, उसकी प्रशंसा करता हूं।
- मैं अफगानिस्तान में विकास और शांति के लिए जर्मनी के अहम सहयोग पर उन्हें विशेष रुप से बधाई देता हूं।
- अंतरराष्ट्रीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं में भारत की सदस्यता के लिए मिले जर्मनी के सहयोग की मैं सराहना करता हूं।
- मैं दुर्गा की उस प्रतिमा देने के लिए डॉ मार्केल का विशेष धन्यवाद अदा करना चाहता हूं जो जम्मू एवं कश्मीर के मंदिर से लाई गई है।
मार्केल क्या बोलीं-
- हमारे आर्थिक रिश्तों का बड़ा महत्व है और यह हमारे गतिशील संबंधों का गवाह है।
- मुझे बहुत खुशी है कि हमने फास्ट ट्रैक समझौतों पर हस्ताक्षर किए।
- कंपनियां को उनका बिजनेस स्थापित करने के लिए जो लाइसेंस देने की प्रक्रिया है उसमें तेजी आई है।
- भारत ने डिजिटलाइजेशन के जरिए साफ्टवेयर क्षेत्र में जो अनुभव प्राप्त किए हैं उससे हमें मदद मिलेगी।
- जलवायु परिवर्तन से संबंधित करार को लेकर सबसे अच्छी बात यह है कि हम यह समझौता करने में कामयाब रहे हैं।
- हम साथ मिलकर व्यापक स्तर पर आतंकवाद के खात्मे, साइबर सुरक्षा, सुरक्षा और सैन्य सहयोग के लिए काम करेंगे।
- हमने दुर्गा की प्रतिमा भारत को दी है और मेरा मानना है कि भारत के लोगों के बीच इसका एक अच्छा खासा महत्व है।
- भारत और जर्मनी दोनों देश मिलकर दुनिया की मुश्किलों को हल करने के लिए एक राजनयिक और शांतिपूर्ण समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।
मार्केल के पहुंचने पर मोदी ने किया ट्वीट-
मार्केल के भारत पहुंचने के बाद मोदी ने ट्वीट किया, नमस्ते चांसलर मर्केल, आपका और आपके शिष्टमंडल का गर्मजोशी से स्वागत है। मैं सार्थक चर्चा और भारत...जर्मनी संबंधों के मजबूत होने की आशा करता हूं। जर्मन चांसलर के साथ कई कैबिनेट मंत्रियों और शीर्ष अधिकारियों का बड़ा शिष्टमंडल भी आया है।
जर्मनी और भारत-
दोनों देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं का कुल आदान प्रदान पिछले साल करीब 15. 96 अरब यूरो का था जो 2013 में दर्ज किए गए 16. 10 अरब यूरो के स्तर से 1. 14 अरब यूरो कम है। भारत से जर्मनी को निर्यात आंशिक रूप से बढ़ा है । यह 2014 में 7. 03 अरब यूरो था जबकि इसका जर्मन आयात पिछले साल के 9.19 अरब यूरो से घटकर 8. 92 अरब यूरो हो गया है। 1,600 से अधिक भारत...जर्मन कलैबरेशन और करीब 600 भारत...जर्मन संयुक्त उद्यम फिलहाल संचालित हो रहे हैं।
मार्केल मंगलवार को बैंगलोर में-
मर्केल और मोदी छह अक्तूबर को बेंगलूर जाएंगे, जहां दोनों लोग एक कारोबारी कार्यक्रम में शरीक होंगे जिसकी मेजबानी नासकॉम और फ्रॉनहोपर इंस्टीट्यूट कर रहा है। मोदी और मर्केल के कार्यक्रम को संबोधित करने का कार्यक्रम है। वे भारत और जर्मनी के कारोबारी नेताओं के साथ दोपहर के भोज में भी शरीक होंगे। चांसलर के साथ विदेश मंत्री फ्रैंक वाल्टर स्टेनमीयर, खाद्य एवं कृषि मंत्री क्रिश्चन स्मिड, शिक्षा मंत्री जोहन्ना वंका और आर्थिक सहयोग एवं विकास मंत्री जर्ड मुलर भी हैं। कई अन्य संघीय मंत्री अंतर सरकारी विचार विमर्श में राज्य मंत्रियों और राज्य सचिवों का प्रतिनिधित्व करेंगे।