कोरोना वायरस के संकट के बीच सरकारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा होने लगा है। इसके चलते सैलरी कटौती भी शुरू हो गई है। इस बीच आंध्र प्रदेश की सरकार ने चुने गए प्रतिनिधियों की सैलरी में 100 प्रतिशत कटौती का फैसला लिया है। इसके तहत राज्य में चुने गए जन प्रतिनिधियों को मार्च की सैलरी नहीं दी जाएगी। इसमें मुख्यमंत्री सहित अन्य प्रतिनिधि शामिल हैं। इससे पहले महाराष्ट्र में भी राज्य सरकार ने सभी जनप्रतिनिधियों की सैलरी में कटौती की घोषणा की थी। इसके साथ ही कर्मचारियों के वेतन भी काटे जाएंगे।
समाचार एजेंसी एएनआई ने आंध्र प्रदेश सरकार के हवाले से बताया कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के चलते राज्य सरकार ने वेतन में कटौती करने का फैसला लिया है। इसके तहत राज्य में सभी प्रकार के चुने गए जनप्रतिनिधियों को सैलरी न देने का फैसला किया है। जिनकी सैलरी रोकी गई है उसमें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री समेत मंत्रियों, विधायकों और पार्षदों की इस महीने के वेतन को रोकने का आदेश दिया है।
इस बीच महाराष्ट्र के वित्त मंत्री अजित पवार ने मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों समेत निर्वाचित प्रतिनिधियों को मार्च महीने का पूरा वेतन नहीं दिया जाएगा। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार से बकाया राशि न मिलने के कारण यह निर्णय लेना पड़ा। इससे पहले पवार ने कहा था कि कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले भार को देखते हुए वेतन में साठ प्रतिशत की कटौती की जाएगी।