चेन्नई: मद्रास हाईकोर्ट ने कहा है कि सदियों पुराने धार्मिक रीति रिवाजों को सरकारी तंत्र प्रशासनिक असुविधा का हवाला दे कर अथवा परेशानी की आशंका से तक तक रोक नहीं सकता जब तक ऐसी रस्में वर्तमान में गैरकानूनी नहीं हो जाएं। अदालत ने कुड्डालूर जिले में श्री कमाची अम्मान मंदिर के कार्यकारी न्यासी की उस याचिका पर फैसला सुनाया, जिसमें स्थानीय पुलिस ने रात में मंदिर रथ त्योहार मनाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था।
जस्टिस के रविचंद्रबाबू ने कोड्डालूर के राजस्व मंडल अधिकारी को 31 मार्च को पांगुनी उथिराम त्योहार के दौरान रात के वक्त मंदिर को रथ निकालने की अनुमति देने के लिए याचिका पर उचित आदेश देने के निर्देश दिए। जस्टिस रविचंद्रबाबू ने कहा कि पुलिस को ऐसे त्येाहार के दौरान उचित सुरक्षा भी मुहैया कराना चाहिए।
अदालत ने कहा कि पुलिस इस तथ्य की अनदेखी नहीं कर सकती कि यह त्योहार सदियों से रात में मनाया जा रहा है और इसलिए ऐसे रीति रिवाजों को अधिकारी यूं ही कलमचलाकर बदल नहीं सकते।