नई दिल्ली: दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा अखबार में दिए गए एक विज्ञापन से विवाद पैदा हो गया है। इस विज्ञापन में सिक्किम को भारत से अलग एक दूसरा देश बताया गया है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह विज्ञापन दिल्ली सरकार द्वारा सिविल डिफेंस कोर में स्वयंसेवक के तौर पर भर्ती को लेकर दिया गया है। विज्ञापन में आवेदन के लिए पात्रता की एक शर्त में लिखा गया है कि आवेदनकर्ता भारत का नागरिक हो या भूटान, नेपाल या सिक्किम की प्रजा हो तथा दिल्ली का निवासी हो।
एक अखबार को दिए गए इस विज्ञापन में आवेदकों से सिविल डिफेंस कोर में स्वयंसेवक के तौर पर भर्ती होने के लिए आवेदन मांगा गया है। उनसे कहा गया है कि वे इस पद के लिए ई-डिस्ट्रिक्ट वेबसाइट के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। पात्रता की शर्तों में आवेदक का कम से कम 18 साल का होना, शारिरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ होना और कम से कम प्राथमिक शिक्षा प्राप्त होना शामिल हैं। साथ ही पुरूष या महिला, कोई भी आवेदन कर सकता है। लेकिन पात्रता की एक शर्त आवेदक का भारत का नागरिक होना या भूटान, नेपाल या सिक्किम की प्रजा होना और दिल्ली का निवासी होना तय की गई है। पात्रता की इसी शर्त पर विवाद है।
सिक्किम पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है, लेकिन विज्ञापन में उसे ऐसे दिखाया गया है जैसे कि वह भारत से अलग कोई देश हो। आपको बता दें कि सिक्किम पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है, लेकिन विज्ञापन में उसे ऐसे दिखाया गया है जैसे कि वह भारत से अलग कोई देश हो। बता दें कि 1975 तक सिक्किम एक स्वतंत्र देश था और वहां राजशाही थी। सिक्किम नाम ग्याल राजतन्त्र द्वारा शासित एक स्वतन्त्र राज्य था, परन्तु प्रशासनिक समस्यायों के चलते तथा भारत में विलय की जनता की आकांक्षाओं के कारण 1975 में एक जनमत-संग्रह के अनुसार भारत में शामिल हो गया। उसी जनमत संग्रह के पश्चात वहां राजतन्त्र का अन्त तथा भारतीय संविधान की नियम-प्रणाली के ढाचें में प्रजातन्त्र का उदय हुआ।