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Amritsar Tragedy: स्थानीय लोगों ने पत्थर फेंकने वाले बयान पर ट्रेन चालक को बताया झूठा, मौत का आंकड़ा 62 पहुंचा

‘क्या ऐसे में हमारे लिए तार्किक रूप से ट्रेन पर पत्थर फेंकना संभव है जब हमारे आसापास मृत और घायल लोग पड़े हों? क्या ऐसी घटना के बाद हमारे लिए ऐसा आचरण कर पाना और तेज रफ्तार में जा रही एक ट्रेन पर पत्थर फेंकना संभव है? चालक झूठ बोल रहा है।’’

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: October 21, 2018 23:56 IST
Amritsar Tragedy: Driver claims stone-pelting by mob as he slowed down train; locals rubbish stateme- India TV Hindi
Amritsar Tragedy: Driver claims stone-pelting by mob as he slowed down train; locals rubbish statement

अमृतसर: ​शुक्रवार को हुए ट्रेन हादसे में घायल 19 वर्षीय एक व्यक्ति ने रविवार को एक अस्पताल में दम तोड़ दिया। इसके साथ ही मरने वालों की संख्या बढ़ कर 62 हो गई है। नगर निगम के पार्षद राजिन्दर सैनी ने बताया कि वार्ड नंबर 24 के एक निवासी ने रविवार शाम को दम तोड़ दिया। हालांकि, जिले के अधिकारियों ने मौत की पुष्टि नहीं की है। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने शनिवार को कहा था कि 59 लोग मारे गये हैं जबकि अमृतसर के उप संभागीय मजिस्ट्रेट राजेश शर्मा ने उस दिन मरने वालों की संख्या 61 बताई थी। पंजाब में दशहरे के दिन हुई भीषण रेल दुर्घटना के बाद पटरियों पर प्रदर्शन कर रहे लोगों को हटाने के दौरान उन्होंने सुरक्षा बलों पर पथराव किया जिसमें पुलिस का एक कमांडो और एक फोटो पत्रकार घायल हो गए। रेलवे के एक प्रवक्ता ने बताया कि पटरियों को बाधित कर रहे प्रदर्शनकारियों को दोपहर को वहां से हटाया गया और 40 घंटे बाद रेल सेवा बहाल की गई। अमृतसर के निकट जोड़ा फाटक पर जब यह हादसा हुआ उस समय रावण दहन देखने के लिए रेल की पटरियों पर खड़े लोग एक ट्रेन की चपेट में आ गए थे।

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ट्रेन चालक पर लगाया झूठ बोलने का आरोप

अमृतसर में ट्रेन दुर्घटना को लेकर चालक के बयान का स्थानीय लोगों ने रविवार को विरोध किया जिसमें उसने कहा था कि घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने ट्रेन पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया था। पुलिस और रेलवे अधिकारियों को दिये एक बयान में ट्रेन के चालक ने कहा कि उसने ट्रेन नहीं रोकी क्योंकि दुर्घटनास्थल पर भीड़ ने पत्थर फेंकना शुरू कर दिया था। अमृतसर में वार्ड नंबर 46 के पार्षद शैलेन्द्र सिंह शली ने बताया, ‘‘मैं घटनास्थल पर था। ट्रेन रोकने की बात तो छोड़ दीजिये यह धीमा भी नहीं हुआ। ऐसा लगा कि अगर चालक चाहता तो हमें भी कुचल देता। ट्रेन कुछ सकेंड में हमारे पास से गुजर गयी।’’ उन्होंने कहा, ‘‘क्या ऐसे में हमारे लिए तार्किक रूप से ट्रेन पर पत्थर फेंकना संभव है जब हमारे आसापास मृत और घायल लोग पड़े हों? क्या ऐसी घटना के बाद हमारे लिए ऐसा आचरण कर पाना और तेज रफ्तार में जा रही एक ट्रेन पर पत्थर फेंकना संभव है? चालक झूठ बोल रहा है।’’

लोको पायलट को क्लीन चिट देने पर सवाल

नवजोत सिंह सिद्धू ने भारतीय रेलवे पर निशाना साधते हुए उसके कामकाज पर कई सवाल उठाये और पूछा कि कैसे ट्रेन के लोको पायलट को ‘‘क्लीन चिट’’ दी जा रही है। सिद्धू ने पूछा,‘‘आपने कौन से आयोग का गठन किया था कि आपने एक दिन में उसे (लोको-पायलट) क्लीन चिट दे दी। क्या चालक स्थाई था या वह एक दिन के लिए काम में लगा हुआ था। आप क्यों नहीं कहते हो?" उन्होंने दावा किया,‘‘ जब आप गाय के लिए (ट्रेन) रोकते हैं, कोई ट्रैक पर बैठे पाया गया तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाती है। आप लोगों को रौंदते हुए निकल जाते हो और आप नहीं रूके। ट्रेन की गति क्या थी? यह 100 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक थी...सनसनाते हुए निकल गयी।’’ विपक्षी पार्टियों ने रेलवे पटरियों के निकट कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई किये जाने की मांग की है। 

नवजोत सिंह सिद्धू को बर्खास्त करने की मांग

विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने नवजोत सिंह सिद्धू को तत्काल बर्खास्त करने और इस घटना की परिस्थितियों की न्यायिक जांच की मांग की। शिअद की कोर समिति की बैठक के दौरान पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इस संबंधित दशहरा कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सिद्धू की पत्नी नवजोत कौर सिद्धू और कार्यक्रम के आयोजकों को इस घटना के लिए जिम्मेदार ठहराते हुए उनके खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की भी मांग की। पार्टी की एक विज्ञप्ति के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की अध्यक्षता में यहां पार्टी की कोर समिति ने अपनी बैठक में राज्य की कांग्रेस सरकार द्वारा दिये गये इस घटना की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश को खारिज कर दिया और पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा न्यायिक जांच कराने की मांग की। पार्टी ने आयोजकों पर ‘आपराधिक लापरवाही’ का आरोप लगाया।

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