नई दिल्ली. सरकार की तरफ से एमनेस्टी इंटरनेशनल के आरोपों का जवाब दिया गया है। भाजपा नेता राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने कहा है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल के आरोप सच्चाई से कोसों दूर हैं। भारत में काम करना है तो विदेशी फंडिंग के बारे में सबको बताना है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने बीस साल पहले परमिशन लिया था, दुबारा नहीं लिया।
राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने बताया कि छानबीन से बचने के लिए एमनेस्टी इंटरनेशनल ने चार संस्थाएं बनाईं। दस करोड़ के फंड की जांच हुई और पता चला कि संदेहास्पद सोर्स से पैसे आए हैं। उन्होंने कहा कि बाहर से आए पैसा छुपाने की कोशिश क्यों की जा रही है? भारत के बारे में एमनेस्टी खूब बोलती है लेकिन पाकिस्तान के अल्पसंख्यकों के बारे में कुछ नहीं?
उन्होंने कहा कि CAA के खिलाफ एमनेस्टी ने कैंपेन शुरू कर दिया कि ये भारतीय मुसलमानों के खिलाफ है। यूपीए सरकार के समय संसद में सरकार के तरफ से एमनेस्टी इंटरनेशनल की कार्यशैली पर कई सवाल खड़े किए थे। पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताया था।
राज्यवर्धन ने कहा कि कोई भी संस्था भारत में काम कर सकती है, एमनेस्टी का भी स्वागत है लेकिन देशी हो या विदेशी संस्था, सभी को भारत के कानून का पालन करना हीं होगा। उन्होंने कहा कि ये अंगेजों के हुकूमत का जमाना नहीं है, अब सबके लिए समान कानून है। भारत में सबसे ज्यादा मानवाधिकार का ध्यान रखा जाता है।