नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि अनुच्छेद-370 हटने से घाटी में रक्तपात के युग का अंत हुआ। जम्मू-कश्मीर में सिर्फ मुसलमान नहीं बल्कि हर धर्म के लोग रहते हैं। घाटी के लोग गरीबी से मुक्ति और लोकतंत्र चाहते हैं। शाह ने राज्यसभा को संबोधित करते हुए कहा कि मैं सभी सदस्यों को निश्चित रूप से आश्वस्त करना चाहता हूं जैसे ही सामान्य परिस्थिति हो जाएगी, उचित समय आ जाएगा, हम इसको फिर से राज्य बनाने के लिए हमें कोई एतराज नहीं।
शाह ने कहा, ''कई सांसदों ने पूछा है कि जम्मू-कश्मीर कब तक केंद्र शासित प्रदेश रहेगा तो मैं उन्हें आश्वस्त करना चाहता हूं कि जब स्थिति सामान्य हो जाएगी और सही समय आएगा, तो हम जम्मू-कश्मीर को फिर से राज्य बनाने के लिए तैयार हैं। इसमें थोड़ा समय लग सकता है, लेकिन यह एक दिन, एक बार फिर से एक राज्य बन जाएगा।''
गृह मंत्री ने कहा, ''जम्मू-कश्मीर में करोड़ों रुपए भेजे गए लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हुआ। सब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए क्योंकि वहां तीन परिवारों का आशीर्वाद होता है वही वहां कुछ कर सकता है। यह जो हलचल है, यह 370 हटने का नहीं बल्कि राष्ट्रपति के आदेश के बाद वहां भ्रष्टाचार की जांच शुरू हो गई है इसलिए है। सरकार ने वहां करोड़ों रुपये भेजे लेकिन सभी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गए क्योंकि भ्रष्टाचार को रोकने वाला कानून वहां लागू नहीं होता।''
उन्होंने कहा, ''घाटी में पर्यटन में कमी आई है और इसकी वजह अनुच्छेद 370 है। बड़ी कंपनियां वहां जाना चाहती हैं लेकिन 370 की वजह से जा नहीं सकती हैं और इसका नुकसान घाटी के लोगों को होता है क्योंकि उनको रोजगार नहीं मिल पाएगा। 370 की वकालत करने वाले मुझे बताएं कि कौन सा बड़ा डॉक्टर कश्मीर में जाकर रहना चाहेगा जब उसे वहां कोई अधिकार ही नहीं मिलेगा। ओडिशा में डॉक्टर्स जाते हैं और रहते हैं क्योंकि उन्हें वहां अधिकार मिलते हैं।''