नई दिल्ली: राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर बोलते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि “घाटी में 130 ऐसे नेता है जिनके बच्चे विदेशों में पढ़ रहे हैं लेकिन वह जम्मू-कश्मीर में स्कूल बंद करवाते हैं।” अमित शाह से घाटी के लोगों से अपील की है कि वह ऐसे नेताओं के बहकावे में न आएं। इसके अलावा उन्होंने कहा कि "जम्मू कश्मीर में राष्ट्रपति शासन के दौरान हमने स्कूल खुलवाए, रसोई गैस मुहैया करायी, शौचालयों का निर्माण कराया, बिजली उपलब्ध कराई।
जम्मू-कश्मीर के बारे में बोलते हुए उन्होंने कहा कि " मैं नरेन्द्र मोदी सरकार की तरफ से सदन के सभी सदस्यों तक ये बात रखना चाहता हूं कि कश्मीर भारत का अभिन्न अंग हैं और इसे कोई देश से अलग नहीं कर सकता। मैं फिर दोहराना चाहता हूं कि नरेन्द्र मोदी सरकार की आतंकवाद के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति है।" गृहमंत्री ने ये भी कहा कि "हमारी सरकार की नीति जम्हूरियत, इंसानियत और कश्मीरियत की है।"
अमित शाह ने कहा कि "जम्हूरियत सिर्फ परिवार वालों के लिए ही सीमित नहीं रहनी चाहिए। जम्हूरियत गांव तक जानी चाहिए, चालीस हज़ार पंच, सरपंच तक जानी चाहिए और ये ले जाने का काम हमने किया। जम्मू कश्मीर में 70 साल से करीब 40 हजार लोग घर में बैठे थे जो पंच-सरपंच चुने जाने का रास्ता देख रहे थे। क्यों अब तक जम्मू-कश्मीर में चुनाव नहीं कराये गये, और फिर जम्हूरियत की बात करते हैं। मोदी सरकार ने जम्हूरियत को गांव-गांव तक पहुंचाने का काम किया है।"
शाह ने कहा कि "जो भारत को तोड़ने की बात करेगा उसको उसी भाषा में जवाब मिलेगा और जो भारत के साथ रहना चाहते है उसके कल्याण के लिए हम चिंता करेंगे। जम्मू कश्मीर के किसी भी लोगों को डरने की जरुरत नहीं है। उन्होनें कहा कि कश्मीर की आवाम की संस्कृति का संरक्षण हम ही करेंगे। एक समय आएगा जब माता क्षीर भवानी मंदिर में कश्मीर पंडित भी पूरा करते दिखाई देंगे और सूफी संत भी वहां होंगे।मैं निराशावादी नहीं हूं। हम इंसानियत की बात करते हैं।" गृह मंत्री ने कहा कि "गुलाम नबी साहब ने बोला कि चुनाव आप करा दीजिए। हम कांग्रेस नहीं हैं कि हम ही चुनाव करा दें। हमारे शासन में चुनाव आयोग ही चुनाव कराता है। हमारे शासन में हम चुनाव आयोग को नहीं चलाते।"
गृहमंत्री ने कहा कि "राम गोपल जी ने कहा कि कश्मीर विवादित है तो मैं बताना चाहूंगा कि न कश्मीर विवादित है, न POK कश्मीर विवादित है ये सब भारत का अभिन्न अंग हैं। मैं सदन के माध्यम से सभी को बताना चाहता हूं कि हम जम्मू कश्मीर में पीडीपी के साथ गठबंधन करें, ये हमारा नहीं बल्कि वहां की जनता का फैसला था। तब एक खंडित जनादेश मिला था। मगर जब हमें लगा कि अलगाववाद को बढ़ावा मिल रहा है और पानी सिर के ऊपर जा रहा है तो हमने सरकार से हटने में तनिक भी देर नहीं की।"