नयी दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया और शांतिपूर्ण चुनाव जम्मू-कश्मीर में पूर्ण राज्य की बहाली के प्रमुख मील के पत्थर हैं। उनका यह बयान जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई सर्वदलीय बैठक के बाद आया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर पर आज की बैठक बहुत ही सौहार्दपूर्ण वातावरण में हुई। सभी ने संविधान और लोकतंत्र के प्रति प्रतिबद्धता जाहिर की।
जम्मू-कश्मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने पर जोर दिया गया। हम जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास को लेकर कटिबद्ध हैं।’’ एक अन्य ट्वीट में अमित शाह ने कहा, ‘‘जम्मू-कश्मीर के भविष्य को लेकर चर्चा हुई और परिसीमन की प्रक्रिया तथा शांतिपूर्ण चुनाव राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए अहम मील के पत्थर हैं, जैसा कि संसद में वादा किया गया था।’’
इससे पहले, सर्वदलीय बैठक में शामिल अधिकांश राजनीतिक दलों ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने और जल्द से जल्द विधानसभा का चुनाव संपन्न कराने की मांग उठाई। पिछले लगभग दो सालों में पहली बार जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक नेतृत्व के साथ वार्ता का हाथ बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इस केंद्रशासित प्रदेश के भविष्य की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए गुरुवार को वहां के 14 नेताओं के साथ अहम बैठक की। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधान हटाए जाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में विभाजित किए जाने के बाद यह पहली ऐसी बैठक है जिसकी अध्यक्षता खुद प्रधानमंत्री मोदी ने की।
परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होते ही जम्मू-कश्मीर में चुनाव कराएंगे- पीएम मोदी
सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दिल्ली की दूरी और दिली की दूरी को कम करेंगे। पीएम ने कहा कि जम्मू कश्मीर का भविष्य बेहतर बनाएंगे। प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया पूरी होते ही चुनाव कराएंगे। उन्होंने कहा कि पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने को लेकर प्रतिबद्ध हैं। पीएम ने कहा कि राजनीतिक मतभेद होंगे लेकिन सभी को राष्ट्रहित में काम करना चाहिए ताकि जम्मू-कश्मीर के लोगों को फायदा हो। उन्होंने जोर देकर कहा कि जम्मू-कश्मीर में सभी के लिए सुरक्षा और सुरक्षा का माहौल सुनिश्चित करने की जरूरत है।