दिल्ली और एनसीआर के शहरों में कोरोना के विस्फोट को लेकर अब केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कमान अपने हाथ में ले ली है। आज गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल और एनसीआर जिलों के डीएम, डीसी के साथ बैठक ली। इस बैठक में गृहमंत्री ने सभी को स्पष्ट निर्देश दिया कि कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में एनसीआर बतौर एक यूनिट होकर लड़ेगा न कि अलग-अलग जिले या अलग अलग राज्य के रूप में। इस बैठक में कई बड़े फैसले भी किए गए। इसमें सबसे बड़ा फैसला एनसीआर में कोरोना टेस्टिंग को लेकर था। अब एनसीआर में आधी कीमत पर कोरोना टेस्ट किया जाएगा।
गृह मंत्री की अध्यक्षता में फैसला किया गया कि अब दिल्ली एनसीआर के सभी जिलों में कोरोना वायरस का टेस्ट 2400 रुपए में होगा। अभी तक यह टेस्ट 4500 रुपए में होता था। बैठक में फैसला किया गया कि जल्द ही एनसीआर के जिलों में भी कोरोना वायरस आरटीपीसीआर टेस्टिंग अस्पतालों में 2400 रुपए किए जाएंगे। इसके साथ ही फैसला किया गया कि एनसीआर के जिलों में जल्द ही एंटीजेंट पद्वति के जरिए भी कोरोना टेस्टिंग की शुरुआत होगी। इस प्रक्रिया में टेस्ट रिजल्ट आधे घंटे में आता है।
गृह मंत्री ने बैठक में सभी राज्यों को यह निर्देश दिया कि एनसीआर में आवाजाही के लिए नियम इतने सख्त ना बनाएं। यह सुनिश्चित करें कि लोगों की 1 जिले से दूसरे जिले में आसानी से आवाजाही हो। जल्द ही गृहमंत्री इस बाबत उत्तर प्रदेश के सीएम और हरियाणा के सीएम के साथ बैठक करेंगे। केंद्र सरकार के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक में दिल्ली एवं एनसीआर जिलों में लोगों के आवागमन पर भी चर्चा की गई। गृह मंत्री ने वायरस को फैलने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों की समीक्षा की। इस बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, दिल्ली के पुलिस आयुक्त एस एन श्रीवास्तव, एनसीआर जिलों, गृह एवं स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
एनसीआर में शामिल हैं ये जिले
एनसीआर में हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के जिले आते हैं। इनमें से हरियाणा के गुरुग्राम और फरीदाबाद, उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर (नोएडा) और गाजियाबाद तथा राजस्थान का अलवर जिला मुख्य है। हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली के प्राधिकारियों ने लॉकडाउन के दौरान विभिन्न समय पर राज्यों में लोगों के आवागमन पर प्रतिबंध लागू किए हैं, जिसके कारण कई लोगों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। उच्चतम न्यायालय ने चार जून को केंद्र से एनसीआर की सीमाओं पर अंतरराज्यीय आवागमन सुविधाजनक बनाने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के साथ बैठक करने को कहा था।
कोर्ट ने नोयडा प्रशासन से मांगी थी जनकारी
न्यायालय ने 12 जून को उत्तर प्रदेश सरकार को नोएडा प्रशासन द्वारा संस्थागत पृथक-वास पर जारी दिशा-निर्देशों के बारे में जानकारी देने को कहा था। न्यायालय ने कहा था, ‘‘राष्ट्रीय दिशा-निर्देशों के विपरीत कोई दिशा निर्देश नहीं हो सकता है।’’ उसने कहा था कि राष्ट्रीय या राज्य के दिशानिर्देशों से अलग कोई भी निर्देश अव्यवस्था का कारण बन सकता है। भारत में बृहस्पतिवार सुबह संक्रमितों की कुल संख्या 3,66,946 और मृतकों की कुलसंख्या 12,237 हो गई ।