नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया कि 2014 से पहले भ्रष्टाचार और असुरक्षित सीमाओं की वजह से जनता सोचने लगी थी कि क्या भारत की बहुदलीय लोकतांत्रिक व्यवस्था विफल हो गयी है। शाह ने कहा कि कांग्रेस के शासन में देश की हालत ऐसी थी कि आम आदमी सोच नहीं पा रहा था कि देश किस दिशा में जा रहा है और क्या नेतृत्व वाकई देश को इस उथल-पुथल से निकाल पाएगा।
उन्होंने अखिल भारतीय प्रबंधन संघ (एआईएमए) के एक कार्यक्रम में कहा, ‘‘आजादी के करीब 70 साल बाद जनता के मन में एक सवाल था कि क्या देश के महापुरुषों का सपना वाकई साकार हुआ है। क्या देश के नागरिकों की आकांक्षाओं को पूरा करने में बहुदलीय लोकतांत्रिक प्रणाली विफल हो गयी है।’’ शाह ने कहा, ‘‘अगर आपको याद हो तो 2013 में हर जगह गहरी निराशा का माहौल था। हर मंत्री खुद को प्रधानमंत्री समझने लगा था, वहीं प्रधानमंत्री को कोई प्रधानमंत्री नहीं समझता था।’’
शाह ने कहा कि 2014 में मिले ऐतिहासिक जनादेश के साथ 30 साल से चल रहा गठबंधन सरकारों का युग समाप्त हो गया और पहली बार कोई गैर-कांग्रेसी सरकार पूर्ण बहुमत के साथ काबिज हुई। गृह मंत्री ने कहा, ‘‘2014 से 2019 तक जनता ने एक निर्णायक सरकार देखी। सामान्य तौर पर 30 साल में पांच बड़े फैसले लिये गये। लेकिन मोदी सरकार के पहले पांच साल में 50 बड़े फैसले लिये गये। जीएसटी, नोटबंदी, सर्जिकल स्ट्राइक, एयर स्ट्राइक, वन रैंक वन पेंशन और अब अनुच्छेद 370 तथा अनुच्छेद 35 ए पर फैसले। ये साहसिक निर्णय रहे।’’