Highlights
- कृषि कानून बिल पास होने पर सिंघु बॉर्डर पर किसानों का जश्न
- राकेश टिकैत बोले- 750 किसानों को श्रद्धांजलि
नई दिल्ली: संसद के शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन आज कृषि कानून को वापस ले लिया गया। लोकसभा और उसके बाद राज्यसभा दोनों ही सदनों में तीनों कृषि कानून वापसी बिल ध्वनिमत से पास हुआ। कृषि कानून वापसी बिल को पहले लोकसभा में 12 बजे पेश किया गया, जिसे बिना चर्चा के चार मिनट के भीतर पास कर दिया गया। वहीं, विपक्ष चर्चा को लेकर इस पर अड़ा रहा। इसके बाद सदन को मंगलवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया। लोकसभा के बाद दोपहर 2 बजे राज्यसभा में बिल पेश किया गया, वहां भी कुछ ही मिनट में इसे पास कर दिया गया।
कांग्रेस ने निरस्त किए गए तीनों कानूनों को कहा ‘‘काला कानून’’
दोपहर दो बजे जैसे ही उच्च सदन की कार्यवाही प्रारंभ हुई वैसे ही केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विधेयक को पेश करते हुए इसे पारित करने का प्रस्ताव रखा। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि वह कृषि विधि निरसन विधेयक का स्वागत करते हैं और कोई इसके विरोध में नहीं है क्योंकि यह किसानों का मुद्दा है। निरस्त किए गए तीनों कानूनों को ‘‘काला कानून’’ करार देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘एक साल तीन महीने के बाद आपको (सरकार) ज्ञान प्राप्त हुआ और आपने कानूनों को वापस लेने का फैसला किया।’’ इसी बीच, तोमर ने कहा कि सरकार किसानों की भलाई के लिए यह तीनों कानून लेकर आई थी लेकिन दुख की बात है कि वह किसानों को समझा नहीं सकी। विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच ही विधेयक ध्वनिमत से पारित हुआ।
इससे पहले लोकसभा ने ध्वनिमत से कृषि कानून वापसी बिल को पास किया। जब नरेंद्र सिंह तोमर ने बिल पेश किया तो कांग्रेस के सांसद नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। हंगामे के बीच ही ये बिल पास हुआ।
राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद तीनों कृषि कानून रद्द
कृषि कानून वापसी विधेयक पास होने के बाद लोकसभा को मंगलवार के लिए स्थगित कर दिया गया है। मंगलवार सुबह 11 बजे फिर से लोकसभा की कार्यवाही शुरू होगी। संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा से कृषि कानून वापसी विधेयक पास हो चुका है और अब यह राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद तीनों कृषि कानून रद्द माने जाएंगे।