गांधीनगर: देश के कई हिस्सों में नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच पाकिस्तान की नागरिकता वाली एक मुस्लिम महिला को गुजरात में भारत की नागरिकता दी गई है। महिला का नाम हसीना है, जो मूल भारत की नागरिक थीं। फिर 1999 में उनका निकाह हुआ और वह पाकिस्तान चली गई थीं। बाद में उनके पति की मृत्यु हो गई और वह भारत वापस लौट आईं।
हसीना ने करीब दो साल पहले दोबारा भारत की नागरिकता के अप्लाई किया था, जिसके बाद बुधवार को उन्हें भारत की नागरिकता का प्रमाणपत्र दिया गया। बता दें कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के करीब चार हजार लोगों को बीते छह साल में भारत की नागरिकता दी गई है, जिसमें सैंकड़ों मुस्लिम भी शामिल हैं। गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी।
यह जानकारी ऐसे में समय में सामने आई है, जब देश के अलग अलग हिस्सों में संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन चल रहे हैं। इस कानून में इन तीन देशों से आए गैर मुस्लिम प्रवासियों को भारत की नागरिकता देने का प्रावधान है। अधिकारी ने बताया कि पिछले छह साल में, 2,830 पाकिस्तानियों, 912 अफगानिस्तानियों और 172 बांग्लादेशियों को भारत की नागरिकता दी गई है। इन में सैंकड़ों मुस्लिम लोग शामिल हैं।