![Amid border tensions with India, China constructs missile site at Kailash-Mansarovar](https://static.indiatv.in/khabar-global/images/new-lazy-big-min.jpg)
नई दिल्ली: गलवान घाटी से पीछे भागने के बाद चीन ने एक बार फिर घुसपैठ की हिमाकत की जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और चाइनीज घुसपैठ को नाकाम कर दिया। इस बीच सैटेलाइट तस्वीरों ने ड्रैगन की एक और पोल खोल दी है। ताजा सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा हुआ है कि चीन कैलास मानसरोवर के पास जमीन से हवा में मार करने वाली (SAM Missile) मिसाइलों को तैनात किया है।
जमीन से हवा में मार करने वाली इस मिसाइल बेस के करीब ही चीन ने कुछ नया निर्माण-कार्य भी किया है जो सैनिकों के बैरक हो सकते हैं। ओपन सोर्स इंटेलिजेंस detresfa की सैटेलाइट तस्वीरों से इस बात का खुलासा हुआ है। मानसरोवर झील भारत-चीन-नेपाल के विवादित ट्राइ-जंक्शन, लिपूलेख के बेहद करीब है, जहां चीन लगातार अपने सैनिकों की तादाद बढ़ा रहा है।
माना जा रहा है कि भारतीय वायुसेना में राफेल लड़ाकू विमानों के शामिल होने के बाद से डरा चीन अपनी हवाई सीमा को सुरक्षित बनाने में जुट गया है। ताजा सैटेलाइट तस्वीरों से सीमा पर तनाव और बढ़ने की उम्मीद है।
उत्तराखंड में पिथौरागढ़ से इस मिसाइल साइट की दूरी 100 किलोमीटर से भी कम है। ऐसी स्थिति में अगर चीन यहां से भारतीय सीमा में मिसाइल हमला करना चाहे तो उसे सेकेंड का समय लगेगा। भारत ने भी नेपाल चीन ट्राईजंक्शन पर अपनी उपस्थिति को मजबूत किया है।
बता दें कि गलवान घाटी से पीछे भागने के बाद चीन ने एक बार फिर घुसपैठ की हिमाकत की जिसका भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया और चाइनीज घुसपैठ को नाकाम कर दिया। एलएसी के करीब पैंगॉन्ग सो लेक के सदर्न बैंक पर भारत और चीन की सेना के बीच 29-30 अगस्त की रात झड़प हुई। चाइनीज आर्मी ने इस इलाके में 'स्टैटस को' बदलने की कोशिश की जिसका भारतीय सेना ने माकूल जवाब देते हुए चाइनीज घुसपैठ को नाकाम कर दिया।