नई दिल्ली: डोकलाम को लेकर पिछले दो महीने से भारत और चीन के बीच जारी तनातनी खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है तो वहीं जम्मू-कश्मीर के लद्दाख क्षेत्र में भी चीन की सीनाजोरी सामने आई है जिसे भारतीय सेना ने बहुत ही गंभीरता से लिया है। इसी सिलसिले में सेना का हौंसला बढ़ाने के उद्देश्य से देश के राष्ट्रपति और देश की सेनाओं के प्रमुख रामनाथ कोविंद रविवार को लद्दाख के दो दिवसीय दौरे पर जा रहे हैं। ये भी पढ़ें: अमेरिका में बना सबसे बड़ा हिंदू मंदिर? जानिए दुनिया के सबसे बड़े हिंदू मंदिर का सच
राष्ट्रपति के तौर पर उनका यह पहला आधिकारिक दौरा होगा। कोविंद यहां सेना के इन्फेन्ट्री रेजिमेंट लद्दाख स्काउट के कार्यक्रम में शामिल होंगे। इस रेजिमेंट के कुल 5 में से हर बटैलियन में 900 सैनिक हैं। कारगिल जंग में पराक्रम दिखाने के बाद 2001 में इसे नियमित आर्मी रेजिमेंट का दर्जा मिला था। राष्ट्रपति भवन के अधिकारियों ने कहा है कि कोविंद का दौरा एक दिवसीय होगा।
बता दें कि हाल ही में लद्दाख में भी चीन के साथ तनातनी देखने को मिली थी। चीनी सेना ने लद्दाख क्षेत्र में घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय जवानों ने नाकाम कर दिया। इस दौरान दोनों देशों की सेना के बीच पत्थरबाजी की घटना भी हुई थी। ऐसे में रामनाथ कोविंद के लद्दाख दौरे को सेना का मनोबल बढ़ाने के तौर पर देखा जा रहा है।