पालघर: महाराष्ट्र के पालघर जिले में प्रसव पीड़ा शुरू होने पर एंबुलेंस के पहुंचने में कथित रूप से देर हो जाने पर 25 वर्षीय एक गर्भवती महिला की मौत हो गयी। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि कुछ दिन पहले यह घटना घटी। महिला ‘बहुत अधिक जोखिम’ वाली श्रेणी की मरीज थी क्योंकि उसका वजन सामान्य से कम था और उसका रक्तचाप भी निम्न था।
जब इस संबंध में संपर्क किया गया तो जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ दयानंद सूर्यवंशी ने बताया कि एंबुलेंस सेवा में देरी हो गयी थी क्योंकि स्थानीय जनस्वास्थ्य केंद्र का एक वाहन कोविड-19 ड्यूटी पर था जबकि दूसरा खराब था।
मोखड़ा तालुका में खोडला क्षेत्र के आमले गांव में 17 नवंबर को सात माह की गर्भवती मनीषा धोरे को प्रसव पीड़ा शुरू हुई जिसके बाद उसके परिवार के सदस्यों ने एंबुलेंस को बुलाया। लेकिन एंबुलेंस के पहुंचने में देर हो गयी और कुछ स्थानीय लोग उसे निकटतम मुख्य मार्ग तक ले गये।
अधिकारी के मुताबिक, एंबुलेंस दो घंटे में मुख्य मार्ग पर पहुंची और महिला को खोडला के पीएचसी ले जाया गया, लेकिन महिला की स्थिति गंभीर हो गयी और उसे पड़ोसी नासिक जिले के सिविल अस्पताल ले जाया गया।
अधिकारी के अनुसार, इसी बीच सूर्यमहल ग्राम पंचायत की इस महिला का बहुत रक्तस्राव हो गया। डॉ सूर्यवंशी ने बताया कि नासिक सिविल अस्पताल के डॉक्टरों ने मनीषा की 18 नवंबर की रात को सर्जरी की लेकिन शिशु को नहीं बचाया जा सका और उधर, महिला को रक्त चढ़ाया गया लेकिन अगली सुबह उसने भी दम तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि महिला का पहले भी एक गर्भपात हो चुका था और डॉक्टरों ने उसे गर्भधारण नहीं करने की सलाह दी थी क्योंकि इससे उसकी जान को खतरा हो सकता था।
उन्होंने बताया कि उन्होंने पिछले सात महीनों में पांच बार महिला की स्वयं जांच की थी और वह ‘अधिक जोखिम’ वाली श्रेणी में थी क्योंकि उसका वजन कम था और उसका रक्तचाप भी निम्न था।