अंबाला: अंबाला से पासपोर्ट बनवाने के लिए चंडीगढ़ गई दो सगी बहनों ने आरोप लगाया है कि पासपोर्ट दफ्तर के अधिकारियों ने उनके दस्तेवज देखे बिना केवल चेहरा देखकर ही यह तय कर लिया कि इनका पासपोर्ट नहीं बनाया जा सकता है क्योंकि ये देखने में नेपाली लगते हैं। उनके पासपोर्ट आवेदन पर यह टिप्पणी कर दी गई कि "आवेदनकर्ता नेपाली लगता है।
जानकारी के मुताबिक भारत में जन्मी, बड़ी हुई और पढ़ी-लिखी संतोष अपना पासपोर्ट बनवाने के लिए अंबाला से चंडीगढ़ आई थी। दोनों ने पासपोर्ट के लिए विधिवत आवेदन किया था और इसके बाद दोनों को क्षेत्रीय पासपोर्ट कार्यालय चंडीगढ़ बुलाया गया था। पासपोर्ट दफ्तर में दोनों के कागजात देखे बगैर अधिकारियों ने सिर्फ चेहरा देखकर ही इन्हें पासपोर्ट नहीं देने का फैसला ले लिया। इनके पासपोर्ट एप्लिकेशन फॉर्म पर ये टिप्पणी कर दी गई कि "आवेदनकर्ता नेपाली लगता है" और इनका पासपोर्ट बनाने से मना कर दिया।
पासपोर्ट कार्यालय में अफसरों की टप्पणी के बाद निराश हुई संतोष ने अपनी परेशानी को लेकर हरियाणा के गृह मंत्री से भी मुलाकात की। जिसके बाद अंबाला के उपायुक्त ने मामले में खुद संज्ञान लिया और पासपोर्ट कार्यालय के अधिकारीयों को दोनों बहनों का पासपोर्ट बनाने के आदेश दिए। उपायुक्त ने बताया कि जब ये मामले उनके संज्ञान में आया तो उन्होंने पासपोर्ट ऑफिस के अधिकारीयों से पूछा कि ऐसे कौन से दस्तावेज हैं जो उन्हें चाहिए। जिसके बाद उपायुक्त ने स्वयं दोनों बहनों को फोन कर पासपोर्ट कार्यालय भेजा और अब इनके पासपोर्ट की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।