प्रयागराज: इलाहाबाद उच्च न्यायालय और इसकी लखनऊ पीठ के कार्यालय कोविड-19 संक्रमण की श्रृंखला तोड़ने के लिए 20 अप्रैल से 24 अप्रैल, 2021 तक बंद रहेंगे। इस दौरान कोई मामले दायर नहीं होंगे। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निबंधक आशीष कुमार श्रीवास्तव द्वारा सोमवार को जारी एक अधिसूचना के जरिए बताया गया कि कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय यादव ने व्यवस्था दी है कि 26 अप्रैल, 2021 से केवल अति महत्वपूर्ण मामलों की सुनवाई वर्चुअल माध्यम से की जाएगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि रोकथाम और उपचारात्मक उपायों के उद्देश्य से गठित समिति ने 19 अप्रैल, 2021 को पारित एक प्रस्ताव के जरिए इलाहाबाद उच्च न्यायालय और इसकी लखनऊ पीठ में कोविड-19 संक्रमण श्रृंखला तोड़ने के उद्देश्य से यह निर्णय किया है। इससे पहले सोमवार को ही इलाहाबाद हाईकोर्ट के 5 जिलों (लखनऊ, कानपुर, प्रयागराज, वाराणसी और गोरखपुर) में लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था। जिसके बाद पूरे राज्य में लॉकडाउन को लेकर चर्चा तेज हो गई थी।
लेकिन, उच्च न्यायालय के आदेश के क्रम में यूपी सरकार के प्रवक्ता ने अवगत कराया कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े है और सख्ती कोरोना के नियंत्रण के लिए आवश्यक है। सरकार ने कई कदम उठाए हैं, आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है। अतः शहरों मे सम्पूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा, लोग स्वतः स्फूर्ति के भाव से कई जगह बंदी कर रहे हैं।
एडिशनल चीफ सेक्रटरी, सूचना नवनीत सहगल ने कहा कि यूपी सरकार 5 शहरों में कंप्लीट लॉकडाउन नहीं लगाएगी, लेकिन सख्त प्रतिबंध लगाएगी। यूपी सरकार कोर्ट के ऑब्जर्वेशन को लेकर एक जवाब भेज रही है।