प्रयागराज। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कोविड-19 टीके के परीक्षण के संबंध में हुई प्रगति और कब तक यह परीक्षण पूरा होगा, इस संबंध में अदालत को अवगत कराने का केंद्र सरकार को सोमवार को निर्देश दिया। उत्तर प्रदेश में बेचे जा रहे घटिया फेस मास्क और सैनिटाइजर की शिकायत पर अदालत ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) द्वारा मास्क और सैनिटाइजर के संबंध में तय मानक और दिशानिर्देश की जानकारी भी मांगी।
न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अजित कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश में कोविड-19 संक्रमण फैलने को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया। एक बिंदु पर अदालत ने कहा कि अक्सर पुलिस कर्मियों को सड़कों पर फेस मास्क के बगैर देखा जा सकता है। ऐसे में वे 100 प्रतिशत मास्क पहनने के अदालत के आदेश को कैसे प्रभावी ढंग से लागू करा सकते हैं। सुनवाई के दौरान इस पीठ का सहयोग कर रहे वकीलों ने कई सुझाव दिए।
उन्होंने अदालत को सुझाव दिए कि जनता लॉकडाउन खुलने के दिशानिर्देशों का उचित ढंग से पालन करे और सड़क किनारे ठेले एवं रेस्तरां आदि से लोगों को खानपान से रोकने के लिए प्रत्येक जिले में पुलिस गश्त लगाए। इससे पूर्व, 23 सितंबर को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने पुलिस अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था कि लोग घर से बाहर निकलते समय शत प्रतिशत मास्क पहनें और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। अदालत ने अपने आदेश को लागू कराने के लिए प्रदेश के प्रत्येक पुलिस थाने में कार्यबल गठित करने का भी निर्देश दिया था।