Friday, November 22, 2024
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चीन-भारत गतिरोध के बीच आईटीबीपी, बीएसएफ के डीजी ने कहा: देश की समस्त भूमि हमारे बलों के नियंत्रण में

पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए चीन और भारत के सैनिकों के पीछे हटने के बीच आईटीबीपी और बीएसएफ के प्रमुख ने रविवार को कहा कि देश की सारी जमीन हमारे सुरक्षा और रक्षा बलों के ‘‘पूर्ण नियंत्रण’’ में है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: July 12, 2020 17:07 IST
All the country's land is with our security forces: ITBP and BSF DG amid Sino-India standoff- India TV Hindi
Image Source : PTI (FILE0 All the country's land is with our security forces: ITBP and BSF DG amid Sino-India standoff

गुड़गांव: पूर्वी लद्दाख में जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए चीन और भारत के सैनिकों के पीछे हटने के बीच आईटीबीपी और बीएसएफ के प्रमुख ने रविवार को कहा कि देश की सारी जमीन हमारे सुरक्षा और रक्षा बलों के ‘‘पूर्ण नियंत्रण’’ में है। भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक एस.एस.देसवाल ने भोंडसी में बीएसएफ के पौधारोपण अभियान से इतर संवाददाताओं के साथ बातचीत में यह टिप्पणी की। 

उन्होंने कहा, ‘‘देश की सारी जमीन हमारे अधिकार में है। हमारी भूमि हमारे सुरक्षा बलों के पूर्ण नियंत्रण में है।’’ पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर बने सैन्य गतिरोध के हालात को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने यह बात कही। देसवाल 1984 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘पूर्व, पश्चिम से लेकर उत्तर तक हमारी सभी सीमाएं सुरक्षित हैं। देश के सुरक्षा बल बहुत सक्रिय, सक्षम और समर्पित हैं।’’ 

देसवाल ने कहा, ‘‘किसी भी शत्रु से अपने पराक्रम और सामर्थ्य के बल पर वे सीमाओं की सुरक्षा करने में सक्षम हैं।’’ सीमा से सेनाओं के पीछे हटने के बारे में जानकारी रखने वाले कुछ सूत्रों ने बताया कि चीन की सेना ने फिंगर-4 की रिज-लाइन में अपनी मौजूदगी और कम की है तथा पूर्वी लद्दाख में पैंगोंग सो झील से कुछ नौकाओं को हटा लिया है। 

भारत और चीन के बीच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की एक और दौर की बातचीत से पहले ऐसा किया जा रहा है। इस बैठक में एलएसी से सैनिकों के पूरी तरह पीछे हटने के तौर-तरीकों को अंतिम रूप दिया जाना है। जब देसवाल से पूछा गया कि क्या आईटीबीपी ने एलएसी पर अपनी चौकियों पर और जवानों को भेजा है तो उन्होंने कहा कि देशभर में जरूरत के आधार पर जवानों को भेजा जाता है। 

उन्होंने कहा, ‘‘सेना और सीमा की सुरक्षा करने वाले बलों के जवानों का मनोबल बहुत ऊंचा है। आजादी के बाद से सुरक्षाबलों ने देश की सीमाओं की रक्षा करने तथा देश की सुरक्षा के लिए अनेक बलिदान दिए हैं फिर चाहे बाहरी खतरा हो या भीतरी सुरक्षा की बात हो।’’ देसवाल ने कहा, ‘‘आप देख सकते हैं कि हमारे जवान अपनी जान की कीमत पर भी सुरक्षा के लिए फुर्तीले और चौकन्ने हैं।’’ 

उन्होंने कहा कि सीमाओं पर सुरक्षा के सारे इंतजाम हैं और हम कह सकते हैं कि देश की सुरक्षा सुनिश्चित है। देसवाल आईटीबीपी के महानिदेशक हैं और चार महीने से बीएसएफ प्रमुख का अतिरिक्त प्रभार भी संभाल रहे हैं। आईटीबीपी में करीब 90 हजार जवान हैं। यह बल चीन से लगती 3,488 किलोमीटर लंबी एलएसी पर सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालता है। आईटीबीपी की एक कंपनी में करीब 100 जवान होते हैं। बीएसएफ में करीब ढाई लाख जवान हैं और उनका प्रमुख काम पाकिस्तान तथा बांग्लादेश से लगती सीमाओं की सुरक्षा करना है।

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