नई दिल्ली: 14 फरवरी को पुलवामा में CRPF के काफिले पर हुए आतंकी हमले का बदला एयरफोर्स ने 25 फरवरी की रात को पाकिस्तान के बालाकोट में स्थिक JeM के ठिकानों को तबाह कर के लिया। वायुसेना की इस कार्रवाई में करीब 200 से 300 आतंकियों के मारे जाने की खबर है। भारतीय वायुसेना द्वारा JeM के अड्डों पर की गई इस एयर स्ट्राइक की प्लानिंग पुलवामा हमले के बाद से ही होने लगी थी। आपको बताते हैं कि कैसे इस एयर स्ट्राइक की प्लानिंग हुई और कैसे इसे एक्सीक्यूट किया गया।
एयर स्ट्राइक का पूरा प्लान
15 फरवरी को तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने मीटिंग में PM मोदी और NSA अजीत डोवाल को विकल्प बताए। जिसके बाद अजीत डोवाल ने कहा कि सिर्फ आतंकी ठिकानों पर ही कार्रवाई हो। फिर 16 फरवरी को भी बैठकों का दौर रहा और सैन्य कार्रवाई करने की बात को और मजबूती मिली। जिसके बाद एयर स्ट्राइक का प्लान तैयार हुआ और नेवी को अपनी पनडुब्बी कराची के पास तैनात करने को कहा गया।
तब 10 दिनों का वक्त वायुसेना को दिया गया था तैयारी के लिए और उन्हीं 10 दिनों में वायुसाने ने तैयारियां की। थलसेना को बॉर्डर पर पाकिस्तानी सेना को उलझाए रखने के लिए कहा गया था, ताकि उनका ध्यान एयर स्ट्राइक की ओर न जा सके और वायुसेना अपनी तैयारियों के साथ जाए और आतंकियों को सबक सिखाकर वापस आ जाए। वहीं, समंदर में पाकिस्तान को गुमराह करने के लिए पनडुब्बी को कराची के पास तैनात किया गया था।
इसी दौरान पाकिस्तान में आतंकियों के ठिकानों को मार्क किया गया कि कहां-कहां एयर स्ट्राइक करनी है। इसके लिए ड्रोन्स का इस्तेमाल किया गया। ड्रोन्स ने पहले आतंकियों के ठिकानों की जानकारी जुटाई और फिर 25 फरवरी की रात में या कहें कि 26 फरवरी की सुबह-सुबह उसी जुटाई गई जानकारी की मदद से एयर फोर्स ने उनपर धाबा बोल दिया।