हैदराबाद: मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस के सभी आरोपियों को कोर्ट ने बरी कर दिया है। NIA कोर्ट ने मुख्य आरोपी असीमानंद समेत सभी पांच आरोपियों को बरी कर दिया। बता दें साल 2007 में हैदराबाद की मक्का मस्जिद में हुए धमाके में नौ लोगों की मौत हो गई थी जबकि 58 लोग जख्मी हुए थे।
बहरहाल, उनमें से केवल पांच लोगों देवेंद्र गुप्ता , लोकेश शर्मा , स्वामी असीमानंद उर्फ नब कुमार सरकार, भरत मोहनलाल रतेश्वर उर्फ भारत भाई और राजेंद्र चौधरी को गिरफ्तार कर उनपर मुकदमा चलाया गया। मामले के दो अन्य आरोपी संदीप वी डांगे और रामचंद्र कलसांगरा फरार हैं और एक अन्य आरोपी सुनील जोशी की मौत हो चुकी है। अन्य दो आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है।
सुनवाई के दौरान 226 चश्मदीदों से पूछताछ की गई और करीब 411 दस्तावेज पेश किए गए। स्वामी असीमानंद और भारत मोहनलाल रातेश्वर जमानत पर हैं जबकि तीन अन्य इस समय न्यायिक हिरासत में केन्द्रीय जेल में हैं। राजस्थान की एक अदालत ने अजमेर दरगाह विस्फोट मामले में मार्च 2017 में गुप्ता और अन्य को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।
बता दें कि मक्का मस्जिद ब्लास्ट केस में 11 साल बाद बड़ा फैसला आया है। खास बात यह है कि 11 साल की जांच में NIA आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं पेश कर पाई। NIA कोर्ट के इस फैसले के बाद असीमानंद आजाद हो गया है क्योंकि अजमेर ब्लास्ट केस में कोर्ट ने असीमानंद को पहले ही बरी किया जा चुका है। 2007 में हैदराबाद के मक्का मस्जिद में ब्लास्ट हुआ था जिसमें 9 लोगों की मौत हो गई थी लेकिन कोर्ट के इस फैसले के बाद सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर सभी आरोपी बरी कर दिए गए तो 9 लोगों को किसने मारा?