इलाहाबाद: स्वयंभू बाबाओं को लेकर हाल में सामने आए विवादों से नाराज साधुओं की शीर्ष संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने आज 14 फर्जी बाबाओं की एक सूची जारी की है और उन स्वंयभू बाबाओं पर कार्रवाई की मांग की है जो किसी संप्रदाय या परंपरा से नहीं हैं।
परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में सभी 13 अखाड़ों के प्रमुख शामिल हुए। फर्जी बाबाओं की सूची जारी करते हुए महंत नरेंद्र गिरि ने कहा, हम आम लोगों से भी अपील करते हैं कि वे ऐसे ढोंगियों से सतर्क रहें जो किसी संप्रदाय से नहीं हैं और अपनी हरकतों से साधु संतों को कलंकित करने का काम कर रहे हैं। इस सूची में गुरमीत राम रहीम, रामपाल, राधे मां, आसाराम और उसके बेटे नारायण साईं आदि के नाम शामिल हैं।
अखाड़ा परिषद ने यह सूची ऐसे समय में जारी की है जब हाल ही में हरियाणा के सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को सीबीआई अदालत ने दो साध्वियों से बलात्कार का दोषी करार देते हुए 20 वर्ष जेल की सजा सुनाई है। जिसके बाद हरियाणा, पंजाब और राजस्थान के कई हिस्से बड़े पैमाने पर हिंसा से प्रभावित हुए थे।
सूची में आसाराम का नाम भी शामिल है जो यौन उत्पीड़न के एक मामले में जेल में बंद है जबकि उसके बेटे नारायण साईं पर भी इसी तरह का मामला दर्ज है लेकिन फिलहाल वह जमानत हैं। रामपाल भी सलाखों के पीछे है और हिंसा से जुड़े कुछ मामलों में मुकदमे का सामना कर रहा है।
महंत नरेंद्र गिरि ने संवाददाताओं को बताया, हम यह सूची केंद्र सरकार, राज्य सरकार और विपक्षी दलों को सौंपेंगे और उनसे इन फर्जी बाबाओं के खिलाफ कार्रवाई करने की अपील करेंगे। हम सरकार से एक कानून बनाने की मांग करेंगे ताकि ऐसे फर्जी बाबाओं पर अंकुश लग सके जो किसी संप्रदाय से नहीं हैं और साधु संतों को कलंकित करने का काम कर रहे हैं।
उन्होंने दावा किया कि कल उन्हें एक धमकी भरा फोन कॉल आया था, जिसमें फोन करने वाले ने खुद को आसाराम का अनुयायी बताया। महंत ने कहा, उसने मुझे धमकी दी कि फर्जी बाबाओं की सूची में अगर उसके गुरू का नाम शामिल किया जाएगा तो वह मुझे जान से मार देगा।
इलाहाबाद के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने कहा, गिरी की शिकायत पर शहर के दारागंज कोतवाली में प्राथमिकी दर्ज की गई है। मामले की जांच की जा रही है। गिरि ने जनता से अपील करते हुए कहा, लोग ऐसे बाबाओं से सतर्क रहे जो किसी परंपरा या संप्रदाय से नहीं हैं। साधु और संत सन्यासी परंपरा, उदासीन परंपरा, नाथ परंपरा, वैष्णव संप्रदाय, शैव संप्रदाय आदि से आते हैं। वहीं फर्जी बाबाओं की कोई परंपरा या संप्रदाय नहीं होता।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री और जूना अखाड़ा के महंत हरि गिरि ने कहा कि बैठक में कुल 16 प्रस्ताव पारित किए गए जिसमें इलाहाबाद का नाम बदलकर प्रयागराज रखना, वर्ष 2019 के अर्द्धकुंभ मेले में उत्तर प्रदेश में प्रवेश करते समय सभी साधु संतों और श्रद्धालुओं के वाहन पर टोल टैक्स माफ करना, संगम तट पर स्थित सेना के अधीन किले को खाली कराने के साथ उसके भीतर स्थित अक्षयवट और प्राचीन वेणीमाधव मंदिर को दर्शन के लिए सुलभ कराना शामिल है।
उन्होंने कहा, इसके अलावा प्रस्ताव में प्रयाग के हवाईअड्डे का नाम संगम के नाम पर रखने की भी बात शामिल है और हम योगी आदित्यनाथ सरकार से इस संबंध में अनुरोध करेंगे।